‘LAC पर आर्टिफिशियल गांव बसा रहा है चीन’, आर्मी चीफ का दावा, बोले- मछुवारों के पीछे चीनी सैनिक
Army Chief Upendra Dwivedi: चीन की चालबाजियां अब दुनिया के सामने आने लगी हैं. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन आर्टिफिशियल गांव बसा रहा है. जब इस बारे में भारतीय सेना के चीफ उपेंद्र द्विवेदी से चाणक्य डायलॉग में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे लेकर बड़ा बयान दिया. आर्मी चीफ ने कहा, ‘चीन आर्टिफिशियल बस्तियां बसा रहा है. कोई बात नहीं. वह उनके देश में चाहे जो करें. लेकिन हम साउथ चाइन सी में जो देखते हैं और ग्रे जोन की बात करते हैं तो शुरुआत में हमें मछुआरे और ऐसे लोग मिलते हैं, जो सबसे आगे रहते हैं.
इसके बाद हम देखते हैं कि उन्हें बचाने के लिए सेना आगे बढ़ती दिखती है.’ शांति और युद्ध के बीच का स्थान: बता दें कि ग्रे जोन एक ऐसा इलाका होता है, जो दो देशों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है और जो क्षेत्र शांति और युद्ध के बीच का होता है.
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“हालात स्थिर है, लेकिन सामान्य नहीं”
आर्मी चीफ ने आगे कहा, ‘हमारे यहां पहले से ही इस तरह के मॉडल विलेज बनते आ रहे हैं. लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि अब राज्य सरकारों को भी संसाधन लगाने का अधिकार दिया गया है. अब समय आ गया है कि सेना, राज्य सरकारें और केंद्र सरकार की निगरानी सब एक साथ जारी है. इसलिए अब जो मॉडल विलेज बन रहे हैं, वे और भी बेहतर होंगे.’
कूटनीतिक बातों के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं. लेकिन जब जमीनी हालात की बात आती है तो कोर कमांडर फैसला लेते हैं. हालात स्थिर जरूर हैं, लेकिन सामान्य नहीं हैं. 2020 से पहले जो स्थिति थी, उसे बहाल किया जाना चाहिए. जब तक स्थिति बहाल नहीं होती, तब तक स्थिति संवेदनशील बनी रहेगी. हम ऑपरेशनल रूप से तैयार हैं.
जम्मू-कश्मीर पर क्या बोले आर्मी चीफ?
जम्मू-कश्मीर पर बात करते हुए आर्मी चीफ ने कहा,’आर्टिकल 370 हटने के बाद स्कूल में बच्चे जानते हैं कि उन्हें कौन सा झंडा ड्रॉ करना है. मुझे लगता है कि हम शांति और समृद्धि की तरफ बढ़ रहे हैं. हमने दक्षिणी कश्मीर और पुंछ पर ध्यान केंद्रित किया था. जो क्षेत्र बचे थे, विरोधी उन इलाकों को केंद्रित कर रहे हैं.’ वहीं, लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट पर बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा, ‘घटना में बनाई गई शेल कंपनी एक मास्टरस्ट्रोक था. जंग उसी दिन शुरू हो जाती है, जिस दिन आप योजना बनाना शुरू करते हैं. उन्होंने सोनिक बूम (शॉक वेब) का भी सहारा लिया. यह पहली बार था, जब हमने ऐसा कुछ देखा.’