“पति हटा तो आप आईं, सिर्फ घर के आदमी को…”, बिहार विधान परिषद में एक बार फिर राबड़ी देवी से भिड़ गए नीतीश कुमार
नीतीश कुमार और राबड़ी देवी
Bihar Politics: बिहार विधान परिषद में एक बार फिर राजनीतिक तीरों की बौछार हुई. इस बार के अखाड़े में दो दिग्गज खिलाड़ी थे. एक तरफ थे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, और दूसरी तरफ थीं राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी. दोनों के बीच इस बार का विवाद न सिर्फ राजनीति की हवा को गरमाने वाला था, बल्कि यह एक नोकझोंक से कहीं अधिक साबित हुआ. नीतीश और रावड़ी ने एक दूसरे पर खूब तंज कसे.
विधान परिषद में शुरू हुआ हंगामा
गुरुवार को जैसे ही बिहार विधान परिषद की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों ने बिहार में बढ़ते अपराधों को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया. विपक्षी नेता राज्य में अपराध नियंत्रण को लेकर सरकार की नाकामी पर सवाल उठा रहे थे. राबड़ी देवी भी सदन में मौजूद थीं और इस मुद्दे पर उनका समर्थन करते हुए विपक्ष का साथ दे रही थीं.
इसी दौरान, बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “हमारी सरकार में अपराधियों पर कार्रवाई होती है, लेकिन ये लोग केवल शोर मचाते हैं, बिना किसी ठोस बात के.”
लेकिन जैसे ही हंगामा और बढ़ा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी आवाज उठाई. उन्होंने विपक्ष पर पलटवार करते हुए राबड़ी देवी की ओर इशारा किया और कहा, “जब इनके पति की सरकार थी, तब क्या हाल था? कोई काम नहीं हुआ. अगर कुछ घटनाएं हुई हैं, तो जांच होगी, लेकिन जब इनके पति की सरकार थी तो क्या कोई जांच होती थी?” नीतीश ने बात यहीं पर नहीं छोड़ी और कहा, “हमने जो किया, वह सब कुछ स्पष्ट है. हिंदू-मुसलमान का मुद्दा तब हर दिन था. हम आए और सारे काम किए. इन लोगों ने कुछ नहीं किया. ये केवल पब्लिसिटी चाहते हैं.”
राबड़ी देवी ने किया पलटवार
नीतीश कुमार का यह हमला राबड़ी देवी के लिए बर्दाश्त करना आसान नहीं था. उन्होंने भी पूरी ताकत से पलटवार किया और कहा, “यह सरकार कानून-व्यवस्था नहीं संभाल पा रही है. बिहार में हत्या, बलात्कार, चोरी की घटनाएं अब रोजमर्रा की बात हो गई हैं. सरकार पर कागजों में सब ठीक है, लेकिन असल में बिहार में जंगलराज है.”
राबड़ी देवी ने जेडीयू के नेता अशोक चौधरी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कांग्रेस से लेकर जेडीयू तक केवल लूटमार कर रहे हैं. इस पर अशोक चौधरी और राबड़ी देवी के बीच भी गरमागरम बहस हुई. फिर, पूरे सदन में हंगामे का माहौल बन गया. ऐसे में सदन के सभापति को मजबूरी में विपक्षी सदस्यों को कुछ देर के लिए सदन से बाहर भेजने का आदेश देना पड़ा.
मोबाइल पर नीतीश कुमार का गुस्सा
सिर्फ राजनीतिक तकरार तक ही मामला सीमित नहीं रहा, इससे पहले दिन में बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार ने मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी. दरअसल, जब राष्ट्रीय जनता दल के विधायक सुदय यादव अपने मोबाइल फोन से पूरक प्रश्न पूछ रहे थे, तो नीतीश कुमार का गुस्सा सातवें आसमान पर था. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव से मांग की कि सदन में मोबाइल फोन लाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाए, जैसा पहले लागू किया गया था.
नीतीश कुमार ने इस दौरान चुटकी लेते हुए कहा, “अगर यही हाल रहा, तो अगले 10 सालों में दुनिया खत्म हो जाएगी. मोबाइल का इतना अधिक इस्तेमाल करना ठीक नहीं है!”
यह बयान सुनकर विपक्षी नेता तेजस्वी यादव भी चुप नहीं रहे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार एक ‘रूढ़िवादी’ और ‘आउटडेटेड’ नेता बन गए हैं, जो तकनीकी बदलाव के साथ कदम नहीं मिला पा रहे. तेजस्वी ने ट्विटर पर लिखा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिहार को एक ऐसे मुख्यमंत्री मिला है जो तकनीकी बदलावों का विरोध करता है.” इस पूरी बहस के बाद, यह साफ हो गया कि बिहार की राजनीति में शांति का नामोनिशान नहीं है.