सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का निधन, 72 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

1952 में चेन्नई में जन्मे सीताराम येचुरी का जुड़ाव वामपंथी विचारधारा से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हुआ. आपातकाल के समय जेल भी गए और तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए.
सीताराम येचुरी

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Sitaram Yechury Passes Away: वरिष्ठ नेता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्सर्वादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने 72 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. वे लंबे समय से बीमार थे. उन्हें पिछले दिनों एम्स में भर्ती किया गया था.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के 72 वर्षीय नेता सीताराम येचुरी की तबीयत बिगड़ गई थी. 19 अगस्त को फेफड़ों में संक्रमण के चलते उन्हें एम्स, दिल्ली में भर्ती कराया गया था. गुरुवार को उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें आईसीयू में रखा गया. डॉक्टरों की टीम उनकी देखभाल कर रही थी. लेकिन हेल्थ बुलेटिन में बताया गया कि येचुरी का निधन हो गया है.

राजनीति में येचुरी की अहम भूमिका

सीताराम येचुरी का राजनीतिक सफर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से शुरू हुआ, जहां वे तीन बार छात्र संघ के अध्यक्ष बने. 1984 में उन्हें सीपीआई(एम) की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया और 2015 में पार्टी का महासचिव चुना गया. राज्यसभा में कई मुद्दों को उठाने वाले येचुरी 2016 में “सर्वश्रेष्ठ सांसद” का पुरस्कार भी जीत चुके हैं. हाल ही में उनकी मोतियाबिंद की सर्जरी भी हुई थी.

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सियासत में एक मजबूत आवाज

1952 में चेन्नई में जन्मे सीताराम येचुरी का जुड़ाव वामपंथी विचारधारा से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हुआ. आपातकाल के समय जेल भी गए और तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. 1984 में उन्हें सीपीआई(एम) की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया और 2015 में महासचिव बने. वामपंथी राजनीति में येचुरी एक प्रखर नेता के रूप में पहचाने जाते हैं.

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