Cyclone Remal: चक्रवात रेमल ने पूर्वोत्तर में मचाई तबाही, अब तक 38 लोगों की मौत
Cyclone Remal: कहीं बारिश तो कहीं तपती धरती और धधकता आसमान, देश में मौसम का इन दिनों यही मिजाज है. इससे पूर्वोत्तर के राज्य भी अछूता नहीं है. दरअसल,चक्रवात रेमल की वजह से पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्य प्रभावित हुए हैं. मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, असम और मेघालय में तबाही जैसे मंजर हैं. मणिपुर की इंफाल घाटी में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. बता दें कि देश इन दिनों एक तरफ गर्मी और एक तरफ बाढ़ की मार से बेहाल है.
मौसम विभाग ने दी थी चेतावनी
पूर्वोत्तर में भारी बारिश अप्रत्याशित नहीं थी. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपने सभी चक्रवात बुलेटिनों में इसकी चेतावनी दी थी. हालांकि, अब चक्रवात की वजह से सिक्किम और उत्तरी पश्चिम बंगाल सहित लगभग पूरा क्षेत्र भूस्खलन की चपेट में है. चक्रवात की वजह से लैंडस्लाइड पहले भी पूर्वोत्तर राज्यों में हो चुके हैं. मई 2009 में चक्रवात आइला के कारण इस क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं हुई थीं.
पिछले कुछ वर्षों में पूर्वोत्तर भारत ने कई ऐसी घटनाएं देखी हैं, जिनमें भारी वर्षा के कारण ग्लेशियल झीलें टूट गई हैं, जिससे अचानक बाढ़ आ गई है. इसके बाद बड़े पैमाने पर बिजली गुल हो गई, परिवहन और संचार में बाधा पहुंचा , स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुईं और बचाव और राहत कार्यों में कठिनाइयां आईं.
आइजोल में बह गया कब्र
आइजोल जिले में चक्रवात रेमल के बाद भारी बारिश के बीच भूस्खलन में बह जाने के बाद कब्रों का दृश्य भी सामने आया है. चार पूर्वोत्तर राज्यों में चक्रवात रेमल से मरने वालों की संख्या 29 मई को बढ़कर 38 हो गई. बचाव कर्मियों ने अब तक मिजोरम की राजधानी आइजोल और उसके आसपास के कई भूस्खलन प्रभावित स्थानों से 29 शव निकाले हैं. अज्ञात संख्या में लोग लापता हैं या पत्थरों, मिट्टी के नीचे दबे हुए हैं और 127 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें से 53 गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हैं.
नागालैंड में भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ और भूस्खलन के कारण मंगलवार को वोखा और फेक जिलों में सात वर्षीय लड़के सहित चार लोगों की मौत हो गई. तीन लोग डूब गए, जबकि एक 73 वर्षीय व्यक्ति एक रिटेनिंग दीवार के ढह जाने के कारण उसके नीचे दब गया. मिजोरम के अधिकारियों ने बताया कि आइजोल के पास मेथुम में एक पत्थर खदान स्थल से अब तक दो नाबालिगों सहित 15 शव बरामद किए गए हैं. भूस्खलन से प्रभावित अन्य स्थानों से 14 अन्य के शव बरामद किए गए.
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खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है ब्रह्मपुत्र नदी
इस बीच, अरुणाचल प्रदेश और असम में आपदा प्रबंधन अधिकारियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि बुधवार सुबह ब्रह्मपुत्र और क्षेत्र की अन्य प्रमुख नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही थीं.अरुणाचल प्रदेश के तेजू शहर में लोहित नदी खतरे के निशान 190.33 मीटर से ऊपर बह रही है. चक्रवाती तूफान रेमल के बाद दो दिनों में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से 4,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश इम्फाल घाटी में हैं.
मणिपुर से किसी की जान जाने की खबर नहीं है, लेकिन राज्य में बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचा है. अधिकारियों ने कहा कि नोनी जिले के ताओबाम गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर एक पुल ढह गया, जिससे सड़क संचार बाधित हो गया.
त्रिपुरा में भी भारी बारिश हो रही है, जहां उनाकोटी जिले में 252.4 मिमी बारिश दर्ज की गई. 1967 के बाद यह पहली बार था जब राज्य के किसी हिस्से में 200 मिमी से अधिक वर्षा हुई.