CM केजरीवाल पर चलेगा मानहानि का केस, दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 साल पुराने मामले को रद्द करने से किया इनकार

Kejriwal Defamation Case: केजरीवाल ने 2019 में मजिस्ट्रेट और सत्र न्यायाधीश द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
Arvind kejriwal

सीएम अरविंद केजरीवाल (फोटो- सोशल मीडिया)

Kejriwal Defamation Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जब कोई हस्ती ट्वीट या रीट्वीट करती है तो इसका असर फुसफुसाहट से कहीं अधिक होता है. अदालत की इस टिप्पणी के बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल की मुश्किलें फिर से बढ़ सकती है. यूट्यूबर के वीडियो को री-पोस्ट करने के मामले में उनपर मानहानि का मुकदमा चलेगा. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में निचली अदालत द्वारा मानहानि मामले में समन जारी करने के आदेश को चुनौती दी थी.

न्यायाधीश स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा, “जब कोई राजनीतिक प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति ट्वीट करता है या मानहानिकारक पोस्ट को रीट्वीट करता है, तो समाज पर व्यापक प्रभाव को देखते हुए इसके परिणाम बढ़ जाते हैं. इसलिए दर्शक बड़े पैमाने पर एक नागरिक बन जाते हैं जिनकी राय उनके द्वारा उपभोग की जाने वाली जानकारी से प्रभावित हो सकती है, जिसमें सोशल मीडिया पर प्रकाशित मानहानिकारक बयान भी शामिल है.”

न्यायाधीश ने कहा, “जब लाखों लोग ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर याचिकाकर्ता सहित किसी विशेष व्यक्ति को फॉलो करते हैं, तो याचिकाकर्ता द्वारा अपने अकाउंट पर जो कुछ भी पोस्ट किया जाता है वह उन लोगों के लिए होता है जो उसे फॉलो करते हैं.”

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क्या है पूरा मामला?

केजरीवाल ने यूट्यूबर ध्रुव राठी के एक वीडियो को री-ट्वीट किया था. इसके बाद उनपर मानहानि का केस दर्ज हुआ. अब उन्हें इस मामले में निचली अदालत को तलब करना ही होगा. जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने कहा, “अपमानजनक सामग्री को रीट्वीट करना मानहानि के समान ही है.”

बता दें कि केजरीवाल ने 2019 में मजिस्ट्रेट और सत्र न्यायाधीश द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. दरअसल, सांकृत्यायन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि AAP नेता ने ‘बीजेपी आईटी सेल पार्ट II’ शीर्षक से एक अपमानजनक वीडियो को रीट्वीट किया था, जिसे विदेश में रहने वाले यूट्यूबर ध्रुव राठी ने शेयर किया था. सांकृत्यायन ने आरोप लगाया कि सीएम ने वीडियो की प्रामाणिकता की जांच किए बिना अपने एक्स अकाउंट से उस वीडियो को रीट्वीट किया, जिसमें उनके खिलाफ कई झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए थे.

सांकृत्यायन ने आगे कहा कि सीएम को लाखों लोग फॉलो करते हैं, जिसकी वजह से यह वीडियो न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचा. दिसंबर 2019 में, उच्च न्यायालय ने यह देखते हुए केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी कि मूल ट्वीट पोस्ट करने वाला YouTuber शिकायत में आरोपी नहीं था. वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा जो केजरीवाल के वकील हैं ने पहले कहा था कि शिकायत दर्ज करने की तारीख पर 11,114 लोग थे जिन्होंने ध्रुव राठी के ट्वीट पर टिप्पणी की थी, रीट्वीट किया था या पसंद किया था, लेकिन सांकृत्यायन ने केवल निहित कारणों से सीएम के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का विकल्प चुना था.

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