दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पोस्टर वॉर शुरू, BJP-AAP में बढ़ी तकरार
Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इस बार दोनों प्रमुख पार्टियों ने एक-दूसरे पर हमला करने के लिए न केवल शब्दों का इस्तेमाल किया, बल्कि चुनावी पोस्टर और विज्ञापनों का भी सहारा लिया है. इस पोस्टर वॉर ने दिल्ली की राजनीति को और भी जटिल और तीव्र बना दिया है, जिससे यह चुनावी माहौल और भी दिलचस्प हो गया है.
AAP पर फर्जी वोटिंग और धोखाधड़ी का आरोप
बीजेपी ने एक पोस्टर जारी किया, जिसमें आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. पोस्टर में दावा किया गया कि AAP दिल्ली में फर्जी मतदाता पंजीकरण करवा रही है. भाजपा के अनुसार, दर्जनों संदिग्ध मतदाताओं का पंजीकरण किया गया है, जिनमें कई ऐसे नाम शामिल हैं जिनकी आयु 40 से 80 वर्ष के बीच बताई गई है, और इनका पंजीकरण एक ही पते पर बिना मकान मालिक की जानकारी के किया गया है.
भाजपा नेताओं का कहना है कि यह धोखाधड़ी के एक बड़े खेल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों में AAP को फायदा पहुंचाना है. पार्टी ने इस घटना को लेकर केजरीवाल सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं और इसे लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करार दिया है. भाजपा ने कहा है कि AAP वोटों की हेराफेरी के जरिए चुनावी रणनीति बना रही है, ताकि सत्ता में बने रहे.
इस पूरे मामले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली के मुद्दों पर कोई ठोस काम नहीं किया. उन्होंने दिल्ली में पानी, महिला सुरक्षा, प्रदूषण, और झुग्गी पुनर्वास जैसे मुद्दों पर केजरीवाल सरकार को निष्क्रिय बताते हुए इसके खिलाफ आक्रामक बयान दिए. त्रिवेदी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में विश्वास बहाली हुई है, जबकि केजरीवाल की पार्टी सिर्फ अपनी छवि सुधारने में लगी हुई है.
AAP का पलटवार
जवाब में आम आदमी पार्टी ने भी भाजपा के खिलाफ अपनी पोस्टर वॉर को तेज कर दिया. AAP ने एक नया पोस्टर जारी किया, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को “GOAT” के रूप में प्रस्तुत किया गया. इसके साथ ही केजरीवाल ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा पाखंड की राजनीति करती है, एक ओर तो वह धार्मिक नेताओं के मानदेय का विरोध करती है, जबकि दूसरी ओर वह मंदिरों को ध्वस्त करने की कोशिश करती है.
AAP ने आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ चुनावी फायदे के लिए झूठे वादे करती है और वास्तविकता में इसके कार्य कभी भी लागू नहीं होते. पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा के नेता झूठे प्रचार के जरिए जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि उनके अपने वादे कभी पूरे नहीं हो पाए हैं.
मंदिरों को ध्वस्त करने की कोशिश-बीजेपी
AAP के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा ने एक और पोस्टर जारी किया, जिसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के बयान का हवाला दिया गया. आतिशी ने दावा किया था कि भाजपा सरकार ने दिल्ली के उपराज्यपाल को अधिकार दिया है कि वह बिना चुनी हुई दिल्ली सरकार से परामर्श किए मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश दे सकते हैं.
आतिशी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, “भाजपा का दोहरा चेहरा अब सामने आ चुका है. वे हिंदू धर्म की रक्षा का दावा करते हैं, लेकिन दूसरी ओर वह मंदिरों को नष्ट करने का काम कर रहे हैं.” भाजपा ने इस बयान को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि AAP के आरोप बेबुनियाद हैं और इस मुद्दे पर कोई भी वैध फैसला लिया नहीं गया है.
केजरीवाल ने उठाया किसानों का मुद्दा
इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट डालकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान अपनी समस्याओं को लेकर कई महीनों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी मांगे तीन साल बाद भी पूरी नहीं की हैं. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसान आंदोलन के दौरान उन पर खामोशी ओढ़े बैठी है और उनके मुद्दों का समाधान नहीं कर रही है.
केजरीवाल ने कहा कि अगर किसानों का अनशन जारी रहता है, तो इसके लिए पूरी तरह से भाजपा जिम्मेदार होगी. यह बयान पार्टी के लिए एक राजनीतिक संकेत था, जिसमें उन्होंने यह दर्शाने की कोशिश की कि भाजपा किसानों के साथ नाइंसाफी कर रही है.
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चुनावी माहौल में नई गर्मी
दिल्ली विधानसभा चुनावों में इस बार दोनों ही दलों के बीच राजनीतिक माहौल बेहद गर्म हो गया है. भाजपा और AAP ने चुनावी प्रचार का नया तरीका अपनाया है, जिसमें शब्दों के साथ-साथ पोस्टरों और विज्ञापनों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. अब दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ अपनी-अपनी विचारधारा और सिद्धांतों को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करने के लिए पोस्टर और अन्य प्रचार माध्यमों का सहारा ले रही हैं.
इन पोस्टरों के जरिए दोनों दल अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. जहां एक ओर भाजपा AAP की भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने में लगी है, वहीं AAP भाजपा के खिलाफ अपनी पक्षपाती और दोहरे चरित्र वाली राजनीति को सामने ला रही है.
यह चुनावी युद्ध अब सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि पोस्टर और प्रचार की मदद से एक नए तरह का प्रचार युद्ध शुरू हो चुका है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली के मतदाता इन प्रचारों को किस तरह से लेते हैं और चुनावी नतीजे किसके पक्ष में जाते हैं.