19 को विधायक दल की बैठक, 20 को शपथ ग्रहण…दिल्ली CM की रेस में सबसे आगे BJP के ये तीन नाम!

दिल्ली की राजनीति में जितेंद्र महाजन की छवि को देखकर यह कहा जा सकता है कि अगर बीजेपी को मुख्यमंत्री के रूप में एक क्षेत्रीय नेता की जरूरत है, तो उनका नाम सबसे उपयुक्त होगा. उनका नाम इस समय चर्चा में है और बीजेपी की अंदरूनी बैठकों में भी उनके बारे में विचार किया जा सकता है.
पीएम मोदी और अमित शाह

पीएम मोदी और अमित शाह

Delhi New CM: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के लिए ऐतिहासिक क्षण आने वाला है. 27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी सत्ता की ओर कदम बढ़ा रही है, और 20 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह की संभावना जताई जा रही है. इस समारोह के दौरान बीजेपी की सरकार के नए नेतृत्व का आगाज हो सकता है, और अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि बीजेपी दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री किसे बनाएगी. सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए 19 फरवरी को बीजेपी विधायक दल की बैठक आयोजित होने जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री पद के लिए विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा.

मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बरकरार!

हालांकि, बीजेपी के लिए यह सवाल काफी पेचीदा साबित हो रहा है क्योंकि तीन प्रमुख नाम इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. इन तीन नामों के बीच बीजेपी दिल्ली के मुख्यमंत्री का चयन करेगी, लेकिन इनमें से कौन इस प्रतिष्ठित पद पर विराजमान होगा, इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. चलिए जानते हैं कि ये कौन से तीन प्रमुख चेहरे हैं, जो बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं.

रेखा गुप्ता रेस में सबसे आगे

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे पहला नाम रेखा गुप्ता का आता है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने अब तक किसी भी राज्य में महिला मुख्यमंत्री नहीं चुनी है. ऐसे में रेखा गुप्ता के नाम पर विचार किया जा सकता है. रेखा गुप्ता की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से हुई थी, और बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़कर राजनीति में कदम रखा. वह शालीमार बाग विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुनी गईं और अपनी सक्रियता से राजनीति में अपनी पहचान बनाई. उनके पास महिला चेहरा होने के साथ-साथ आरएसएस से जुड़ाव और बीजेपी की निष्ठावान कार्यकर्ता होने के तीन अहम फैक्टर हैं, जो उन्हें सीएम पद के लिए मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं.

रेखा गुप्ता का नाम बीजेपी के अंदर चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि पार्टी महिलाओं को सत्ता में ज्यादा प्रतिनिधित्व देने के पक्ष में दिख रही है. ऐसे में रेखा गुप्ता को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का जिम्मा सौंपा जा सकता है, जो न केवल बीजेपी की महिला सशक्तिकरण की नीति को मजबूत करेगा, बल्कि दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ भी ला सकता है.

आशीष सूद: पंजाबी वोटों की ताकत

दूसरे बड़े नाम के तौर पर आशीष सूद का नाम सामने आ रहा है, जो जनकपुरी विधानसभा से बीजेपी के विधायक हैं. आशीष सूद पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, और दिल्ली में पंजाबी वोटरों की एक बड़ी संख्या है. बीजेपी के लिए यह एक बड़ा अवसर हो सकता है, खासकर जब वह पंजाब में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में आशीष सूद जैसे चेहरे को दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए उतारने से पार्टी को पंजाबी समुदाय से एक मजबूत समर्थन मिल सकता है.

आशीष सूद की राजनीतिक यात्रा भी काफी दिलचस्प रही है. वह बचपन से ही आरएसएस से जुड़े रहे हैं और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं. इसके साथ ही, वह दक्षिण दिल्ली नगर निगम के पार्षद भी रह चुके हैं और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के सह प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं. इन सभी पहलुओं को देखते हुए आशीष सूद बीजेपी के पंजाबी नेताओं में एक प्रमुख चेहरा बन गए हैं और मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत दावेदार हैं.

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जितेंद्र महाजन

तीसरे दावेदार के रूप में जितेंद्र महाजन का नाम सामने आ रहा है, जो दूसरी बार रोहतास नगर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. जितेंद्र महाजन की क्षेत्रीय राजनीति में मजबूत पकड़ है और वह बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच भी एक मजबूत छवि रखते हैं. 2020 में विधायक बनने के बाद से उन्होंने लगातार आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार की आलोचना की है और दिल्ली की राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. जितेंद्र महाजन की क्षेत्रीय पकड़ और बीजेपी के प्रति उनकी निष्ठा उन्हें इस पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है.

दिल्ली की राजनीति में जितेंद्र महाजन की छवि को देखकर यह कहा जा सकता है कि अगर बीजेपी को मुख्यमंत्री के रूप में एक क्षेत्रीय नेता की जरूरत है, तो उनका नाम सबसे उपयुक्त होगा. उनका नाम इस समय चर्चा में है और बीजेपी की अंदरूनी बैठकों में भी उनके बारे में विचार किया जा सकता है.

इन तीन नामों के बीच बीजेपी के नेतृत्व के लिए अंततः कौन चुना जाएगा, यह तो समय ही बताएगा. हालांकि, पार्टी की अंदरूनी बैठकों और रणनीतियों के जरिए जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा. बीजेपी का 20 फरवरी को रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह इस रहस्य का पर्दाफाश कर सकता है और दिल्ली में नए मुख्यमंत्री का ऐलान किया जा सकता है.

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