शादी के 44 साल बाद तलाक, 18 साल तक चला केस…अब बुजुर्ग पति ने पत्नी को दी 3 करोड़ की एलिमनी
Divorce: हरियाणा से एक दिलचस्प और चौंकाने वाली खबर सामने आई है. दरअसल, एक दंपती ने शादी के 44 साल बाद आखिरकार तलाक लेने का फैसला किया. इस तलाक के फैसले के बाद 70 साल के पति ने अपनी 73 साल की पत्नी को 3 करोड़ रुपये की एलिमनी दी है. यह खबर इसलिए चौंकाने वाली है क्योंकि यह जोड़ा जीवन के अंतिम पड़ाव में एक-दूसरे के साथ रहने की बजाय अलग हो गया है. खास बात यह है कि इस दंपती का तलाक 18 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद हुआ, और इस मामले में संपत्ति, सेटलमेंट और रिश्तों से जुड़े कई गंभीर फैसले भी लिए गए.
44 साल बाद लिया तलाक
दंपती की शादी 1980 में हुई थी, यानी अब से लगभग 44 साल पहले. दोनों के दो बेटियां और एक बेटा भी हैं. शुरू के 25 साल तक दोनों का रिश्ता अच्छा चला, लेकिन उसके बाद रिश्तों में खटास आनी शुरू हो गई. दंपती के बीच बढ़ती कड़वाहट और तनाव के कारण 2006 में दोनों ने अलग रहने का फैसला लिया. इसके बाद पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना (Mental Cruelty) का आरोप लगाया. पति का कहना था कि वह अपनी पत्नी से मानसिक रूप से परेशान हो गए थे, और यही वजह थी कि उन्होंने तलाक का रास्ता चुना.
18 साल लंबी कानूनी लड़ाई
तलाक का मामला 18 साल तक कानूनी दांव-पेंच में उलझा रहा. 2013 में पति ने परिवारिक कोर्ट में अपनी पत्नी के खिलाफ मानसिक क्रूरता का आरोप लगाते हुए तलाक की अर्जी दी थी, लेकिन फैमिली कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी. इसके बाद, उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया. हाई कोर्ट में 11 साल तक मुकदमा चलता रहा, और अंत में 2024 में कोर्ट ने दोनों के तलाक पर मुहर लगा दी. इस दौरान, कोर्ट ने यह तय किया कि पति को अपनी पत्नी को एक बड़ी राशि का भुगतान करना होगा, जो 3 करोड़ रुपये के रूप में तय की गई.
3 करोड़ रुपये का सेटलमेंट
तलाक के मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब 70 साल के पति ने अपनी पत्नी को 3 करोड़ रुपये की एलिमनी देने का फैसला किया. यह रकम उन्होंने अपनी खेत की जमीन बेचकर जुटाई थी. सेटलमेंट की राशि में नगद, डिमांड ड्राफ्ट और सोने-चांदी के गहने भी शामिल थे. इस फैसले के बाद अदालत ने इस तलाक को मंजूरी दी.
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पत्नी और बच्चों के लिए बड़ी शर्तें
इस तलाक और सेटलमेंट के साथ एक और खास शर्त जुड़ी थी. अदालत ने यह तय किया कि 3 करोड़ रुपये की रकम लेने के बाद पत्नी और बच्चों का पति से कोई संबंध नहीं रहेगा. यानी, इस रकम को प्राप्त करने के बाद पत्नी और बच्चों को पति की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा, और न ही पति के मरने के बाद उनकी संपत्ति पर उनका कोई दावा रहेगा. यह शर्त भी अदालत के आदेश के तहत लागू की गई. यह फैसला उच्च न्यायालय के जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने सुनाया.
सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण
यह मामला समाज और कानून दोनों ही दृष्टिकोण से दिलचस्प और महत्वपूर्ण है.इसके अलावा, इस मामले में यह भी दिखाया गया कि कैसे संपत्ति का बंटवारा, एलिमनी और कानूनी शर्तें तलाक के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इस दंपती के लिए 3 करोड़ रुपये की एलिमनी एक बड़ी राशि हो सकती है, लेकिन इस पैसे के साथ जुड़े शर्तों ने एक नई परिभाषा दी है कि तलाक के बाद पति और पत्नी का कोई संबंध नहीं रहेगा, और न ही उनकी संपत्ति पर किसी का अधिकार होगा.