‘भगवान राम के अस्तित्व का कोई सबूत नहीं’, स्टालिन के मंत्री के बयान पर बवाल, बीजेपी ने किया पलटवार

शिवशंकर ने कार्यक्रम में कहा, "लेकिन इतिहास में ऐसा कोई सबूत नहीं है कि राम का अस्तित्व था." हालांकि, इस पर भाजपा ने तीखी आलोचना की और दावा किया कि डीएमके नेता हिंदू धर्म के खिलाफ बोलते हैं.
मंत्री एसएस शिवशंकर

मंत्री एसएस शिवशंकर

Tamil Nadu: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके अपने बड़बोले नेताओं के कारण अक्सर मुश्किल स्थिति में फंस जाती है. चाहे वह मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन हों या परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर. सनातन धर्म के प्रति उनकी नफरत और आलोचना उनके समय-समय पर दिए गए विवादास्पद बयानों से स्पष्ट होती है. अब वायरल हो रहे एक वीडियो में मंत्री एसएस शिवशंकर ने अरियालुर में राजा राजेंद्र चोल की जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दावा किया कि राजेंद्र चोल के शासनकाल के दौरान बनाए गए तालाब और मंदिर दिखाते हैं कि राजा रहते थे.

राम का अस्तित्व नहीं: शिवशंकर

शिवशंकर ने कार्यक्रम में कहा, “लेकिन इतिहास में ऐसा कोई सबूत नहीं है कि राम का अस्तित्व था.” हालांकि, इस पर भाजपा ने तीखी आलोचना की और दावा किया कि डीएमके नेता हिंदू धर्म के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन वे कभी किसी अन्य भाषा के बारे में ऐसा बोलने की हिम्मत नहीं करते. तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने शनिवार को राज्य के परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर पर भगवान राम के अस्तित्व पर अपने कैबिनेट सहयोगी के विरोधाभासी बयान के लिए पलटवार किया.

विवादास्पद टिप्पणी करते हुए शिवशंकर का एक वीडियो पोस्ट करते हुए, अन्नामलाई ने X पर कहा, “भगवान श्री राम के प्रति DMK का अचानक जुनून वास्तव में देखने लायक है – किसने सोचा होगा?”

अन्नामलाई ने साथा निशाना

अन्नामलाई ने सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट में कहा कि पिछले हफ़्ते डीएमके के कानून मंत्री एस रघुपति ने घोषणा की थी कि भगवान राम सामाजिक न्याय के सर्वोच्च चैंपियन, धर्मनिरपेक्षता के अग्रदूत और सभी के लिए समानता की घोषणा करने वाले व्यक्ति थे. लेकिन अब परिवहन मंत्री ने बेबाकी से कहा है कि भगवान राम कभी अस्तित्व में नहीं थे.

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