रक्षा क्षेत्र में भारत की बड़ी कामयाबी, DRDO ने ग्लाइड बम ‘Gaurav’ का किया सफल परीक्षण

इस उन्नत हथियार को हैदराबाद में रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) में डिजाइन और विकसित किया गया है. DRDO ने दो 'बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली' मिसाइलों का भी सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है.
Glide Bomb Gaurav

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Glide Bomb Gaurav: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय वायु सेना (IAF) के Su-30 MK-I से गौरव नामक लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम (LRGB) का पहला परीक्षण सफलतापूर्वक किया है. यह परीक्षण ओडिशा के तट पर हुआ. गौरव, हवा से वार करने वाला 1,000 किलोग्राम वजनी ग्लाइड बम है, जिसे लंबी दूरी पर स्थित लक्ष्यों को भेदने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

इसकी खासियत यह है कि लॉन्च के बाद INS और GPS डेटा का इस्तेमाल करके सटीक हाइब्रिड नेविगेशन योजना का उपयोग करके अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है. इस उन्नत हथियार को हैदराबाद में रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) में डिजाइन और विकसित किया गया है. DRDO ने दो ‘बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली’ मिसाइलों का भी सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया.

लक्ष्य को बनाया सटीक निशाना

रक्षा विभाग ने कहा, “उड़ान परीक्षण के दौरान ग्लाइड बम ने लॉन्ग व्हीलर द्वीप पर स्थापित लक्ष्य को सटीक निशाना बनाया. परीक्षण प्रक्षेपण के दौरान पूरा उड़ान डेटा समुद्र तट के साथ एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) के टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम में कैप्चर किया गया है.”

उड़ान की निगरानी डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा की गई. विकास-सह-उत्पादन साझेदार अदानी डिफेंस और भारत फोर्ज ने भी उड़ान परीक्षण के दौरान भाग लिया. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने एलआरजीबी के पहले उड़ान परीक्षण के संचालन पर पूरी डीआरडीओ टीम को बधाई दी.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और उद्योग को बधाई दी. उन्होंने इसे सशस्त्र बलों की क्षमता को और मजबूत करने के लिए स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के देश के प्रयास में एक प्रमुख मील का पत्थर बताया.

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