हेमंत की गिरफ्तारी से क्या ‘दहशत’ में हैं दिल्ली के CM? अगर ऐसी स्थिति हुई तो क्या करेंगे केजरीवाल?
ED Action: झारखंड में ED के जबरदस्त एक्शन की हर तरफ चर्चा हो रही है. सूबे में मौजूदा सियासी हालात पर कई नेताओं ने बयान दिए हैं. इस बीच बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि अब अगला नंबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का है. हरनाथ सिंह यादव ने कहा, “अगर हम भारत में काफी मजबूत हो चुकी भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों के बारे में सोचें तो यह राजनीति है. हेमंत सोरेन पर ईडी का एक्शन बिल्कुल सही है. अगला नंबर केजरीवाल का है.” राजनीति में बयानबाजी तो आम बात है, लेकिन अगर इसके इतर बात की जाए तो सोरेन के खिलाफ ईडी के एक्शन से अगर कोई दहशत में आया होगा तो वो दिल्ली के सीएम केजरीवाल ही होंगे. दरअसल, सोरेन की गिरफ्तारी से पहले ईडी के नोटिस पर दोनों मुख्यमंत्रियों की प्रतिक्रिया एक जैसी ही रही है.
केजरीवाल के पास क्या ऑप्शन?
बता दें कि ईडी के समन का केजरीवाल ने कई बार इग्नोर किया है. उनका स्टैंड भी लगभग हेमंत सोरेन जैसा ही रहा है. ईडी ने हेमंत सोरेन को लगभग 10 बार पूछताछ के लिए बुलाया था. वहीं केजरीवाल को 5 बार. शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 31 जनवरी तक 5 बार समन भेज चुका है. इससे पहले ईडी ने 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को दिल्ली सीएम को समन भेजा था, लेकिन वो पेश नहीं हुए थे. अब कहा जा रहा है कि अगला नंबर केजरीवाल का ही हो सकता है. केजरीवाल ईडी के समन के बावजूद पूछताछ के लिए पेश नहीं हो रहे हैं. केजरीवाल का कहना है कि ईडी का समन गैर कानूनी है. वो इसलिए पेश नहीं हो रहे हैं.
पत्नी को सीएम बना सकते हैं केजरीवाल!
सोरेन और केजरीवाल ने ईडी के समन पर शरद पवार जैसा रवैया नहीं अपनाया था. ईडी ने जब शरद पवार को नोटिस भेजा था तो उन्होंने ईडी के दफ्तर में पेश होने का ऐलान कर दिया था. अब सवाल ये उठता है कि क्या केजरीवाल भी सोरेन की तरह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे या गिरफ्तारी की प्रतीक्षा करेंगे. सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि हेमंत की तरह ऐसी आपात स्थिति में वो भी अपनी पत्नी का नाम आगे करेंगे. हालांकि, हेमंत चाह कर भी अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम नहीं बना सके. विधायक दल की बैठक में उन्हें चंपई सोरेन के नाम पर हामी भरनी पड़ी. वैसे तो केजरीवाल हमेशा कहते आए हैं कि उनकी तैयारी जेल से सरकार चलाने की है. आम आदमी पार्टी ने इसके लिए तैयारी भी कर रखी है. हालांकि, हेमंत सोरेन ने उनके इस मंसूबे पर भी पानी फेर दिया है. हालांकि अब केजरीवाल का क्या स्टैंड होगा ये तो समय ही बताएगा.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को क्यों गिरफ्तार किया गया?
बता दें कि ईडी ने सोरेन को नया समन जारी किया था और उन्हें 29 या 31 जनवरी को पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा था. ईडी ने हेमंत सोरेन को 10 समन जारी किया था. एजेंसी पूछताछ के लिए खुद उनके आवास पर पहुंची और पूर्व सीएम के आवास, राजभवन और ईडी कार्यालय के बाहर 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी गई.
29 जनवरी को ईडी के अधिकारी पूछताछ के लिए सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर गए, जहां उन्होंने दो कारें और 36 लाख कैश जब्त किए, लेकिन हेमंत सोरेन कहीं नहीं मिले. पूर्व सीएम ने बाद में प्रवर्तन निदेशालय को एक पत्र लिखा जिसमें कहा गया कि वह 31 जनवरी को दोपहर 1 बजे रांची में अपने आवास पर ईडी अधिकारियों के सामने अपना बयान दर्ज कराएंगे. ईडी ने करीब 7 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
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झारखंड के अगले मुख्यमंत्री का पद कौन संभालेगा ?
ईडी द्वारा उनके आवास पर छह घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया. झारखंड के पूर्व सीएम पर कथित भूमि घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए थे.
हेमंत सोरेन के वफादार चंपई सोरेन झारखंड के सीएम पद संभालेंगे.चंपई सोरेन सात बार के विधायक हैं और झारखंड में सरायकेला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. चंपई सोरेन को झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में सक्रिय भागीदार के रूप में जाना जाता है. चंपई सोरेन ने झारखंड के अलग राज्य आंदोलन के दौरान लोकप्रियता हासिल की और उन्हें ‘झारखंड टाइगर’ के रूप में जाना जाने लगा.
किस मामले में हुई है सोरेन की गिरफ्तारी
जिस कथित जमीन घोटाले के मामले में सोरेन की गिरफ्तारी हुई है, वो सेना के 4.55 एकड़ मालिकाना हक वाली जमीन की खरीद बिक्री से जुड़ी है. ये जमीन रांची के बड़गाई इलाके में है और इस अंचल के राजस्व उप-निरीक्षक भानु प्रताप की इस संबंध में गिरफ़्तारी भी हो चुकी है. ईडी इस मामले में 20 जनवरी को मुख्यमंत्री से पूछताछ कर चुका है. मुख्यमंत्री से रांची में करीब सात घंटे तक जांच एजेंसी ने पूछताछ की थी. ये पूछताछ भी मुख्यमंत्री को जारी कई समन के बाद हुई थी.