लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले चुनाव आयुक्त Arun Goel ने दिया इस्तीफा, तीन सदस्यी इलेक्शन कमीशन में CEC फिलहाल अकेले
Arun Goel Resigns: लोकसभा चुनाव से कुछ ही हफ्ते पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. गोयल पंजाब कैडर के 1985 बैच के अफसर हैं. IAS से इस्तीफा देकर 20 नवंबर 2022 में चुनाव आयुक्त बने थे. भारतीय चुनाव आयोग में पहले से ही एक पद रिक्त था और अब अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के पास ही पद बचा है. सूत्रों ने शनिवार को बताया था कि लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अगले सप्ताह होने की संभावना है. अब गोयल के इस्तीफे ने उस समयरेखा पर सवालिया निशान लगा दिया है.
अरुण गोयल कौन हैं?
अरुण गोयल पंजाब कैडर के एक आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने 1985 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी. हालांकि वह 31 दिसंबर को 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति लेने तक वे भारी उद्योग सचिव थे. उन्होंने पहले केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के लिए काम किया था.
यह भी पढ़ें: Varanasi: वाराणसी में भव्य रोड शो के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे PM Modi, की पूजा-अर्चना
अरुण गोयल की सेवा अवधि
सचिव, भारी उद्योग मंत्रालय 2020 – 2022
सचिव, संस्कृति मंत्रालय 2018 – 2019
एएस एंड एफए, श्रम और रोजगार मंत्रालय 2017
उपाध्यक्ष, दिल्ली विकास प्राधिकरण 2015 – 2016
संयुक्त सचिव, वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग 2012 – 2014
संयुक्त सचिव, शहरी विकास मंत्रालय 2011
पंजाब सरकार के तहत विभिन्न भूमिकाएँ 1993-2010
अरुण गोयल के इस्तीफे का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तैयारी चरम पर होने के बीच अरुण गोयल का इस्तीफा आया है. चुनाव की तारीखों की अभी घोषणा नहीं की गई है, हालांकि अप्रैल-मई में होने वाले संभावित चुनाव की तैयारियों की जांच के लिए टीमें राज्यों का दौरा कर रही हैं. शुक्रवार को चुनाव आयोग ने देशभर में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और आवाजाही को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय और रेलवे अधिकारियों के साथ सुरक्षा बैठक की. लोकसभा चुनाव के अलावा आयोग को आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में राज्य चुनाव भी कराने होंगे. 2019 में लोकसभा चुनावों की घोषणा 10 मार्च को की गई थी और 11 अप्रैल से सात चरणों में मतदान हुआ था. वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी.