Electoral Bond Data: गेमिंग से लेकर इंजीनियरिंग और माइनिंग तक… इन बड़ी कंपनियों ने राजनीतिक दलों को दिल खोलकर दिया चंदा

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों में बीजेपी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडीएस, राकांपा, टीएमसी, जदयू, राजद, आप और सपा शामिल हैं.
Electoral Bond Data

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Electoral Bond Data: फ्यूचर गेमिंग, मेघा इंजीनियरिंग और क्विक्सप्लाईचैन प्राइवेट लिमिटेड सहित 20 ऐसे डोनर हैं जिन्होंने चुनावी बॉन्ड के रूप में 5,420.30 करोड़ रुपये दान कर दिया. यह अप्रैल 2019 और जनवरी 2024 के बीच खरीदे गए कुल चुनावी बांड का 44.59% है. इस बात की जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए गए डेटा से मिली है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड का सारा डेटा 12 मार्च को सौंप दिया था.

बता दें कि फ़्यूचर गेमिंग कंपनी के मालिक हैं दक्षिण भारत के लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन. वहीं मेघा इंजीनियरिंग के मालिक हैं पीवी कृष्णा रेड्डी और पीपी रेड्डी. इस लिस्ट में वेदांता लिमिटेड भी शामिल है. दुनिया के सबसे बड़े खनन ग्रुप में से एक वेदांता ने भी राजनीतिक पार्टियों को खूब चंदा दिया है.

डेटा का विश्लेषण जारी

फिलहाल इस डेटा का विश्लेषण जारी है. लेकिन अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़, बीजेपी सबसे ज़्यादा चंदा हासिल करने वाली पार्टी बनकर सामने आई है. इस जानकारी को दो हिस्सों में जारी किया गया है. पहले हिस्से में 336 पन्नों में उन कंपनियों के नाम हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदा है और उसकी राशि की जानकारी भी दी गई है. जबकि दूसरे हिस्से में 426 पन्नों में राजनीतिक दलों के नाम हैं और उन्होंने कब कितनी राशि के इलेक्टोरल बॉन्ड कैश कराए उसकी विस्तृत जानकारी है.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों में बीजेपी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडीएस, राकांपा, टीएमसी, जदयू, राजद, आप और सपा शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: 2019 से लेकर 2024 तक…किस पार्टी को Electoral Bonds से मिले कितने पैसे? EC ने जारी किया सारा डेटा, यहां देखें लिस्ट

राजनीतिक पार्टियों के टॉप 30 डोनर

फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विस – 1,368 करोड़ रुपये

मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड – 966 करोड़ रुपये

क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड – 410 करोड़ रुपये

वेदांता लिमिटेड – 400 करोड़ रुपये

हल्दिया एनर्जी लिमिटेड – 377 करोड़ रुपये

भारती ग्रुप- 247 करोड़ रुपये

एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड – 224 करोड़ रुपये

पश्चिमी यूपी पावर ट्रांसमिशन – 220 करोड़ रुपये

केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड – 194 करोड़ रुपये

मदनलाल लिमिटेड – 185 करोड़ रुपये

डीएलएफ ग्रुप – 170 करोड़ रुपये

यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल – 162 करोड़ रुपये

उत्कल एलुमिना इंटरनेशनल – 145.3 करोड़ रुपये

जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड – 123 करोड़ रुपये

बिड़ला कार्बन इंडिया – 105 करोड़ रुपये

रुंगटा संस – 100 करोड़ रुपये

पीरामल एंटरप्राइजेज ग्रुप – 60 करोड़ रुपये

नवयुग इंजीनियरिंग – 55 करोड़ रुपये

शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स – 40 करोड़ रुपये

एडलवाइस ग्रुप- 40 करोड़ रुपये

सिप्ला लिमिटेड – 39.2 करोड़ रुपये

लक्ष्मी निवास मित्तल – 35 करोड़ रुपये

ग्रासिम इंडस्ट्रीज – 33 करोड़ रुपये

जिंदल स्टेनलेस – 30 करोड़ रुपये

बजाज ऑटो – 25 करोड़ रु

सन फार्मा लेबोरेटरीज – 25 करोड़ रुपये

मैनकाइंड फार्मा – 24 करोड़ रुपये

बजाज फाइनेंस – 20 करोड़ रुपये

मारुति सुजुकी इंडिया – 20 करोड़ रुपये

अल्ट्राटेक – 15 करोड़ रुपये

टीवीएस मोटर्स – 10 करोड़ रुपये

 

 

 

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