7 मंत्रियों के शामिल होने से नीतीश कैबिनेट का बदलेगा जातीय समीकरण, बिहार चुनाव से पहले NDA का दांव क्या रंग लाएगा?
बिहार कैबिनेट में 7 मंत्रियों को शामिल किया गया है
Bihar: बिहार में आज नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है. प्रदेश में NDA की सरकार बनने के एक साल बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है. वहीं यह बिहार चुनाव से 6 माह पहले कैबिनेट में 7 मंत्रियों को शामिल किया गया है. ये सभी मंत्री भाजपा कोटे से हैं. इस विस्तार के बाद से अब बिहार कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 36 हो गई है.
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में आज मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. भाजपा कोटे से 7 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसमें कृष्ण कुमार मंटू, विजय मंडल, राजू सिंह, संजय सारावगी, जीवेश मिश्रा, सुनील कुमार और मोतीलाल प्रसाद ने मंत्री पद की शपथ ली. विधानसभा चुनाव से पहले ठीक पहले BJP ने मास्टरस्ट्रोक फेंका है. इन 7 विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देने से बिहार सरकार में BJP की भूमिका और मजबूत हुई है. जानकारों के मुताबिक इसे बीजेपी का बड़ा दांव माना जा रहा है.
कहां से कौन बना मंत्री
मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नेताओं में सबसे पहले संजय सरावगी ने शपथ ली. उन्होंने मैथिलि में शपथ ली. संजय सरावगी दरभंगा से विधायक हैं. वे मारवाड़ी समुदाय से हैं. उनके बाद बिहारशरीफ से पांच बार के विधायक सुनील कुमार ने शपथ ली. वे कोयरी (कुर्मी) जाति से आते हैं. तीसरे नंबर पर जाले से भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा ने शपथ ली. वे भूमिहार जाति से आते हैं और पहले भी मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने मैथिलि में शपथ ली.
इसके बाद राजपूत जाति से आने वाले और साहेबगंज से विधायक राजू सिंह ने चौथे नंबर पर शपथ ली. उनके बाद सीतामढ़ी के रीगा से विधायक मोतीलाल प्रसाद ने शपथ ली. वे वैश्य समाज से आते हैं. अमनौर से भाजपा विधायक कृष्ण कुमार मंटू को भी मंत्री बनाया जाएगा. वे कुर्मी जाति से हैं और हाल ही में पटना में कुर्मी समाज की एक बड़ी रैली की थी. सबसे अंत में अररिया के सिकटी से भाजपा विधायक विजय मंडल ने शपथ ली. जो अति पिछड़ा समाज से हैं. उनकी जाति केवट है.
फुल हुआ 36 मंत्रियों का कोटा
बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा में 36 मंत्री हो सकते हैं. अब तक इसमें 30 मंत्री थे. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दो उपमुख्यमंत्री भी शामिल हैं. बिहार की एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल का आखिरी विस्तार 15 मार्च, 2024 को हुआ था, जब 21 मंत्रियों ने शपथ ली थी. इसमें नीतीश कुमार की JDU से नौ और भाजपा से 12 को मंत्री के रूप में शामिल किया गया था.
भाजपा मंत्रियों की संख्या सबसे ज्यादा
कैबिनेट विस्तार के बाद अब नीतीश के मंत्रिमंडल में कुल 36 मंत्री हो गए हैं. इसमें भाजपा कोटे से सबसे ज्यादा मंत्री हैं. भाजपा कोटे से अब 21 मंत्री हैं. वहीं जदयू कोटे से सिर्फ 13 मंत्री हैं. एक मंत्री हम से संतोष सुमन हैं, तो निर्दलीय सुमित सिंह भी मंत्री हैं. ऐसे में बिहार में NDA सरकार में भले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी जदयू के नीतीश कुमार के पास हो लेकिन मंत्रियों की संख्या के लिहाज से भाजपा मजबूत है.
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जाति समीकरण की गणित
आज बिहार कैबिनेट के विस्तार में शामिल नए मंत्रियों में 3 पिछड़े, 2 अति पिछड़े और 2 सवर्ण वर्ग को शामिल किया गया है. अचानक चुनाव से कुछ महीने पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार करना बीजेपी की प्लानिंग का हिस्सा है. इसके तहत बीजेपी ने अपने कोर वोटर्स यानी अगड़ी जातियों में राजपूत और भूमिहार के साथ-साथ नीतीश कुमार के कोर वोटर- लव-कुश यानी कोयरी और कुर्मी वोटों पर बड़ा दांव खेला है.
बीजेपी ने मंत्रिमंडल विस्तार कर ना केवल अपने कोर वोटर्स बल्कि दलित और वैश्य वोटरों पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है. आगामी चुनाव को देखते हुए भाजपा का ये दांव हाल के दिनों में बीजेपी का स्ट्राइक रेट यानी जीत प्रतिशत 100% बनाया है.
नीतीश कैबिनेट में जाति समीकरण
आज के विस्तार के बाद से बिहार में नीतीश कुमार की कैबिनेट में 36 मंत्री हो गए हैं.
- सवर्ण कोटे से 11 मंत्री- ब्राह्मण-2, राजपूत 5, भूमिहार-3, कायस्थ-1
- ओबीसी कोटे से 10 मंत्री- कुशवाहा-2, वैश्य-2, यादव-1, कुर्मी-3, कोइरी-2
- ईबीसी कोटे से 7 मंत्री- धानुक-1, मल्लाह-3, नोनिया-1 कहार-1, तेली-1
- दलित कोटे से 5 मंत्री- पासवान-2, रविदास-2, पासी-1
- महादलित कोटे से 2 मंत्री- मुसहर-2
- मुस्लिम कोटे से एक मंत्री- पठान-1