रोजगार से लेकर महंगाई तक…कांग्रेस और बीजेपी के मेनिफेस्टो में एक जैसे वादों की होड़, हरियाणा में किस पर होगा जनता का भरोसा
Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने-अपने घोषणापत्र जारी किए हैं, जिसमें जनता को लुभाने के लिए ढेर सारे वादे किए गए हैं. चुनावी घोषणापत्र में जहां एक तरफ कांग्रेस ने 7 प्रमुख वादे किए हैं, वहीं बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में वादों की झड़ी लगा दी है. हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों ही पार्टियों के घोषणापत्रों में कई वादे समान हैं, जो मतदाताओं के लिए सोचने का विषय बन गया है.
युवाओं के लिए रोजगार के वादे
हरियाणा की राजनीति में युवा वोटरों का विशेष महत्व है, और इस बात को दोनों पार्टियां बखूबी समझती हैं. यही कारण है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है. दोनों दलों ने अपने-अपने घोषणापत्रों में 2 लाख सरकारी नौकरियां सृजित करने का संकल्प लिया है. इससे न सिर्फ बेरोजगारी की समस्या को हल करने का प्रयास किया जाएगा, बल्कि यह हरियाणा के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
बीजेपी ने राज्य में युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को और अधिक सशक्त बनाने का भी वादा किया है. वहीं, कांग्रेस ने बेरोजगार युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता देने की योजना की घोषणा की है, जिससे वे आर्थिक रूप से समर्थ हो सकें जब तक उन्हें रोजगार नहीं मिल जाता. दोनों ही पार्टियों ने रोजगार के क्षेत्र में व्यापक सुधार और विकास की योजनाएं प्रस्तुत की हैं, लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस वादे पर भरोसा करती है.
महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं
कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर भी कई वादे किए हैं. कांग्रेस ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए विशेष योजनाओं का ऐलान किया है. उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के लिए ऋण सुविधाएं बढ़ाने, स्वयं सहायता समूहों को मजबूत बनाने, और महिला सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने का वादा किया है.
वहीं बीजेपी ने भी महिलाओं को रोजगार के अवसर देने और उन्हें समाज में सशक्त भूमिका दिलाने के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है. बीजेपी ने यह भी वादा किया है कि वे महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास केंद्र खोलेंगे, जहां उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें.
महंगाई और गैस सिलेंडर की कीमत
महंगाई को लेकर दोनों ही पार्टियां जनता को राहत देने के लिए तत्पर हैं. खासकर रसोई गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए दोनों दलों ने 500 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का वादा किया है. यह एक महत्वपूर्ण वादा है, क्योंकि महंगाई से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार होते हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही यह समझा है कि अगर वे इस मुद्दे को सही से संभालते हैं, तो इसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर हो सकता है.
स्वास्थ्य सुविधाएं
हरियाणा के नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में भी कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने वादों का ऐलान किया है. दोनों ही पार्टियों ने 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने का वादा किया है. इस योजना का उद्देश्य गरीब और निम्न-मध्यम वर्ग के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, ताकि वे इलाज के भारी खर्च से मुक्त हो सकें. इसके अलावा, सरकारी अस्पतालों की संख्या बढ़ाने और उन्हें बेहतर सुविधाओं से लैस करने का भी वादा किया गया है.
किसानों के लिए समर्थन
हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, और इस बात को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने किसानों के हित में कई वादे किए हैं. दोनों दलों ने किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने का वादा किया है. कांग्रेस ने किसानों के लिए कर्जमाफी की योजना का भी ऐलान किया है, जिससे वे कर्ज के बोझ से मुक्त हो सकें. वहीं बीजेपी ने किसानों को कृषि उपकरणों पर सब्सिडी देने और कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का प्रयोग बढ़ाने का वादा किया है. इसके अलावा, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार और किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य पर भी दोनों पार्टियों का फोकस है.
गरीबों के लिए आवास योजनाएं
आवास की समस्या को हल करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही गरीबों को घर मुहैया कराने का वादा किया है. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह गरीब परिवारों के लिए सरकारी आवासों का निर्माण करेगी, ताकि कोई भी व्यक्ति बेघर न रहे. वहीं बीजेपी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत और अधिक घर बनाने का वादा किया है. इस योजना का उद्देश्य सभी को सस्ते और सुरक्षित घर उपलब्ध कराना है.
अन्य समान वादे
इसके अलावा, दोनों ही दलों ने राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, सड़कों का विस्तार करने, और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और पानी की सुविधा बेहतर बनाने का वादा किया है. दोनों पार्टियां राज्य के विकास के लिए बड़ी योजनाओं की बात कर रही हैं, लेकिन मतदाता किस पार्टी के वादों पर भरोसा करेंगे, यह चुनाव परिणाम ही तय करेंगे.
कुल मिलाकर, हरियाणा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने कई समान वादे किए हैं, जिससे मतदाताओं के लिए फैसला करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. दोनों ही दल रोजगार, महिलाओं के सशक्तिकरण, किसानों के कल्याण और महंगाई पर नियंत्रण के बड़े वादे कर रहे हैं. अब यह देखना बाकी है कि जनता किसकी योजनाओं और वादों को ज्यादा प्रामाणिक और विश्वसनीय मानती है, क्योंकि अंततः चुनावी नतीजे इस पर ही निर्भर करेंगे.