कैसे कांग्रेस के करीब आए पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया? महीनों पहले ही लिख गई थी स्क्रिप्ट

हरियाणा के किसानों में बड़ी संख्या जाटों की है और यह समुदाय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर भाजपा के खिलाफ खड़ा है. बुधवार को दोनों ओलंपियनों ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की.
विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया

विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया

Haryana Election: कांग्रेस ने शुक्रवार को ओलंपियन विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को पार्टी में शामिल कर लिया है. कहा जा रहा है कि विनेश आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ सकती हैं. वहीं बजरंग पुनिया संगठन में कोई बड़ी भूमिका में नजर आ सकते हैं. कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी में शामिल हुए दोनों पहलवान जाट समुदाय से हैं. हरियाणा के किसानों में बड़ी संख्या जाटों की है और यह समुदाय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर भाजपा के खिलाफ खड़ा है. बुधवार को दोनों ओलंपियनों ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात की.

सूत्र ने कहा कि फोगाट की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी के भीतर आम सहमति बन गई है. फोगाट और पुनिया को पार्टी में शामिल करके पार्टी जाट वोटों को मजबूत करने के अलावा महिलाओं, खिलाड़ियों और युवाओं के बीच अपना समर्थन आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर विनेश फोगाट कांग्रेस के करीब कैसे आ गईं? पार्टी ने पहलवानों को कांग्रेस में शामिल कर कौन सी रणनीति को धार दिया है? विनेश और बजरंग के शामिल होने से हरियाणा चुनाव में पार्टी को क्या फायदा? आप बिल्कुल सही जगह आकर ठहरे हैं. आज हम विस्तार से इन्हीं सारे सवालों के जवाब ढूंढें हैं…

बृज भूषण के खिलाफ प्रदर्शन में कांग्रेस ने दिया साथ

सबसे पहले उस घटना के बारे में जान लेते हैं, जब से विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया धीरे-धीरे कांग्रेस के करीब आने लगे थे. 18 जनवरी, 2023 को विनेश, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और कई अन्य पहलवान तत्कालीन WFI अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने के लिए जंतर-मंतर पर एकत्र हुए, उन पर यौन शोषण और धमकी देने का आरोप लगाया. उन्होंने उनके इस्तीफे और WFI को भंग करने की मांग की. 21 जनवरी को पहलवानों ने तत्कालीन खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद अपना विरोध समाप्त कर दिया, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि आरोपों की जांच के लिए एक निरीक्षण समिति (OC) बनाई जाएगी. पहलवानों के इस विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस ने समर्थन दिया.

कांग्रेस नेता ने कहा था, “कोई भी संगठन अगर ऐसे हालात में भारतीय पहलवानों का समर्थन कर रहा है तो वह उचित है.” उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की गुंडागर्दी को दर्शाता है जब उनके द्वारा अपनी पार्टी से सांसद को बचाने के उद्देश्य से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं दूसरी तरफ जिस बीजेपी के सांसद पर आरोप लगे हैं वह खुले तौर पर अमर्यादित टिप्पणी करते हैं. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस इस मामले पर एफआईआर दर्ज करती है,  इससे बड़ा तानाशाही क्या हो सकता है?  हालांकि, विरोध प्रदर्शन तो समाप्त हो गया, लेकिन कांग्रेस का एक प्रतिनिधि दल उन पहलवानों से मुलाकात की थी.

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अप्रैल में WFI ने घोषणा की कि खेल मंत्रालय को OC रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मई में चुनाव होंगे, जिसके कारण विनेश ने एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप के लिए स्वीडन में प्रशिक्षण लेने की अपनी योजना को रोक दिया. 23 अप्रैल को, पहलवान अपना विरोध फिर से शुरू करने के लिए जंतर-मंतर पर वापस चले गए. इसके बाद मई में नई संसद के उद्घाटन के दिन, विनेश, बजरंग, साक्षी और अन्य प्रदर्शनकारी पहलवानों को भवन की ओर मार्च शुरू करने के बाद दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया. दो दिन बाद, पहलवान अपने पदकों को गंगा नदी में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार गए. पहलवानों ने कहा, “जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, हम अपना विरोध जारी रखेंगे, लेकिन हमारी लड़ाई अब सड़क पर नहीं, बल्कि अदालत में होगी.”

किसान आंदोलन के जरिए विनेश के करीब आई कांग्रेस

किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन के बीच कांग्रेस ने ऐलान किया था कि अगर लोकसभा चुनाव के बाद वह सत्ता में आती है तो उसकी सरकार फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी प्रदान करेगी. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का भी ऐलान किया था. हालांकि, पार्टी सत्ता में तो नहीं आई लेकिन सदन में मजबूत स्थिति में है. कांग्रेस ने चुनाव के दौरान कई वादे भी किए.  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि हमारी एमएसपी पर कानूनी गारंटी किसानों के जीवन में 3 बड़े बदलाव लाएगी. फसल के सही दाम मिलने से किसान कर्ज की मुसीबत से छुटकारा पा जाएगा. कोई भी किसान आत्महत्या को मजबूर नहीं होगा. खेती मुनाफे का व्यवसाय होगा और किसान समृद्ध बनेगा.

पिछले दिनों खनौरी बॉर्डर पर किसानों से मिलने पहुंची विनेश ने कहा था, “किसानों के बिना हमारे देश में कुछ भी नहीं विनेश फोगाट ने कहा कि किसानों के बिना हमारे देश में कुछ भी नहीं है. किसानों के साथ-साथ देश के जवान हैं, देश के खिलाड़ी हैं और किसान हमारे अन्नदाता हैं. दिल्ली में खिलाड़ियों के आंदोलन पर बोलते हुए विनेश ने कहा कि अगर पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली में आंदोलन में हमारा साथ नहीं देते तो आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार हमें सलाखों के पीछे डाल देती. किसानों ने हमारा साथ दिया और हम उस लड़ाई को लड़ने में सफल रहे.

हुड्डा ने विनेश के लिए की थी बड़ी मांग

पैरिस ओलंपिक से लौटीं विनेश फोगाट को दिल्ली एयरपोर्ट पर जबरदस्त स्वागत किया गया था. हजारों की संख्या में लोग विनेश फोगाट का स्वागत करने एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. राजनीतिक दलों के नेता भी विनेश फोगाट का भी स्वागत करने पहुंची. इनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे और सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी शामिल थे. दीपेंद्र हुड्डा ने विनेश का स्वागत किया और उनके साथ एक गाड़ी में सवार होकर लोगों का अभिनंदन स्वीकार किया. तब से ही कहा जा रहा है कि राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि विनेश की गाड़ी पर सवार होकर दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में चुनाव कैंपेन की शुरुआत कर दी है. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि देश की बेटी विनेश को भारत रत्न दी जाए. हालांकि, अब विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने कांग्रेस का साथ दे दिया है और हरियाणा विधानसभा चुनाव में ‘हाथ’ को मजबूत करने की ओर कदम बढ़ा दिया है .

 

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