हरियाणा में कांग्रेस ने तोड़ा बीजेपी का किला! भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी शैलजा से लेकर सुरजेवाला तक…CM पद की जंग में कौन होगा बाजीगर?
Haryana Election: हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान संपन्न हो गए हैं, और अब राज्य में अगली सरकार कौन बनाएगा, इस पर चर्चाएं तेज़ हो चुकी हैं. चुनावी माहौल के साथ ही एग्जिट पोल भी आ गए हैं, जिनमें कांग्रेस को बढ़त मिलने का संकेत दिया गया है. कई एग्जिट पोलों में कांग्रेस की सरकार बनने की भविष्यवाणी की गई है. वहीं बीजेपी को पिछड़ते हुए दिखाया गया है.
एग्जिट पोल में कांग्रेस आगे
इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को 90 में से 59 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 21 सीटें मिलने का अनुमान है. ध्रुव रिसर्च के पोल में इंडिया गठबंधन को 57 और एनडीए गठबंधन को 27 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है. इसके अलावा, अन्य पार्टियों को 0 से 6 सीटें मिलने की संभावना है.
सीएनएन 24 के एग्जिट पोल में भी लगभग यही आंकड़े सामने आए हैं. इसमें इंडिया गठबंधन को 59 और एनडीए को 21 सीटें मिलने की बात कही गई है, जबकि अन्य को 10 सीटें मिल सकती हैं.
मुख्यमंत्री पद के दावेदार
एग्जिट पोल आने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस में कई नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश करनी शुरू कर दी है. आइए जानते हैं, कौन-कौन से नेता इस दौड़ में आगे चल रहे हैं.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा
सबसे पहला नाम पूर्व मुख्यमंत्री और निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है. हुड्डा पहले भी 2005 से 2014 तक दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्होंने इस बार भी अपनी दावेदारी मजबूत रखते हुए कहा था, “मैं अभी रिटायर नहीं हुआ हूं. राज्य में कांग्रेस ही सरकार बनाएगी, और मुख्यमंत्री कौन होगा, यह पार्टी आलाकमान तय करेगा.”
कुमारी शैलजा
दूसरा बड़ा नाम कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा का है. वह कांग्रेस के प्रमुख दलित चेहरों में से एक हैं और गांधी परिवार की करीबी मानी जाती हैं. शैलजा ने अपनी दावेदारी पर कहा था, “कांग्रेस मेरे अनुभव और निष्ठा को नजरअंदाज नहीं कर सकती. मैं पार्टी की वफादार सिपाही हूं, और सीएम पद का फैसला आलाकमान करेगा.”
दीपेंद्र हुड्डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा का नाम भी चर्चा में है. अगर भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री पद की रेस से बाहर होते हैं, तो उनके बेटे का नाम भी आगे बढ़ाया जा सकता है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा था, “कांग्रेस में सीएम का फैसला विधायकों और आलाकमान की सहमति से होता है. पार्टी के लिए सबसे पहले बहुमत और सरकार बनाना ज़रूरी है.”
रणदीप सिंह सुरजेवाला
रणदीप सिंह सुरजेवाला भी इस दौड़ में पीछे नहीं हैं. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव सुरजेवाला ने वोट डालने के बाद कहा, “सीएम बनने की इच्छा गलत नहीं है. हम राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के निर्णय का सम्मान करेंगे.”
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उदयभान
हरियाणा कांग्रेस के प्रमुख उदय भान का नाम भी संभावित मुख्यमंत्री के रूप में उभर रहा है. वह दलित समुदाय से आते हैं और भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं. पार्टी के सूत्रों के अनुसार, उन्होंने दिल्ली में हुई एक बैठक में राज्य में एक दलित चेहरे को आगे करने की बात कही थी.
अब सबकी नजरें चुनावी नतीजों पर टिकी हैं, लेकिन एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है. मुख्यमंत्री कौन होगा, यह पार्टी आलाकमान के फैसले पर निर्भर करेगा, लेकिन कई दिग्गज नेता अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं, और इन सबकी दावेदारी से कांग्रेस आलाकमान की टेंशन बढ़ने वाली है.