Hathras Stampede: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हाथरस हादसे का मामला, दाखिल की गई याचिका, सर्वोच्च अदालत से की गई ये मांग
Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया. जिले के रतिभानपुर में भोले बाबा के सत्संग के समापन के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर महिलाएं व बच्चे थे. वहीं सैकड़ों लोग घायल हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. इस हादसे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है और तत्काल जांच के आदेश भी दिए हैं. दूसरी तरफ, हाथरस में मची भगदड़ की घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के किसी रिटायर्ड जज की निगरानी में 5 सदस्यीय समिति गठित करने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक याचिका दायर की गई है.
वहीं हाथरस पुलिस ने आईपीसी की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत भोले बाबा के ‘मुख्य सेवादार’ देवप्रकाश मधुकर और उस धार्मिक आयोजन के अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसके पहले, अलीगढ़ के IG शलभ माथुर ने बताया, “आयोजकों के खिलाफ FIR होगी। प्रथम दृष्टया सामने आ रहा है कि जितने लोगों के लिए अनुमति मांगी थी उससे ज्यादा लोग आए हैं.”
हाथरस में हादसे के बाद मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 121 हो गई जबकि सैकड़ों लोग अभी भी घायल हैं जिनका इलाज चल रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस पहुंचे जहां उन्होंने अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात कर उनका हाल जाना और हर तरह से मदद का आश्वासन दिया. साथ ही सीएम योगी ने अधिकारियों से मुलाकात कर मौजूदा हालात की जानकारी भी ली.
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इस पूरे मामले में प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सिकंदराराऊ कस्बे अंतर्गत फुलरई गांव में नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के संगठन की ओर से सत्संग का आयोजन किया गया था. प्रवचन खत्म होने के बाद जैसे ही बाबा अपनी कार में बैठकर रवाना हुए, अनुयायियों की भीड़ अंतिम दर्शन व चरण छूने के लिए उनके पीछे दौड़ने लगी. इस दौरान जहां-जहां बाबा के चरण पड़े, वहां की मिट्टी उठाने के लिए उनके होड़ मच गई और इस दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई. बताया जा रहा है कि इसी दौरान भगदड़ में दबकर लोगों की कई मौत हो गई जबकि कुछ ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.