Himachal Politics: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कांग्रेस के बागी विधायक, स्पीकर के अयोग्य घोषित करने के फैसले को दी चुनौती
Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश में जारी सियासी उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही है. अयोग्य करार दिए गए कांग्रेस के छह बागी विधायकों ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. बता दें कि विधानसभा में बजट के दौरान इन विधायकों की गैरहाजिरी के बाद स्पीकर ने अयोग्य घोषित कर दिया था.
इन विधायकों को किया अयोग्य घोषित
27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों (सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर व इंद्र दत्त लखनपाल) ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोट डाला था. जिसके बाद सभी विधायक विधानसभा में बजट के दौरान भी अनुपस्थित रहे थे. सुप्रीम कोर्ट पहुंचे इन विधायकों ने स्पीकर के अयोग्य करार दिए जाने के निर्णय को रद्द करने की मांग की है.
ये भी पढ़ेंः उत्तर प्रदेश कैबिनेट का हुआ विस्तार, ओपी राजभर समेत इन नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ
भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्यवाही शुरू
वहीं, दूसरी ओर 28 फरवरी को विधानसभा में बजट पारित होने से पहले हंगामा करने वाले भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई है. जानकारी के मुताबिक, उनका मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है.
विधायकों की नाराजगी पर क्या बोले CM सुक्खू?
सोमवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जो हाईकमान कहता है, उसे हम मानते हैं. विधायकों की नाराजगी पर सीएम सुक्खू ने कहा कि कोई भी नाराज नहीं है. उन्होंने कहा, “जो हाईकमान कहता है, हम उसे मानते हैं… कोई भी नाराज नहीं है.” बता दें कि पार्टी के भीतर उठे बगावती सुर को शांत करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों को भी राज्य भेजा था.
ये भी पढ़ेंः संदेशखाली मामले पर कलकत्ता HC का कड़ा रुख, CBI को जांच सौंपने के दिए आदेश, ममता सरकार पहुंची SC
विक्रमादित्य सिंह ने जाहिर की नाराजगी
बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ विक्रमादित्य सिंह ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने बगावत करने वाले विधायकों से मुलाकात कर अटकलों का बाजार गरमा दिया था. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो विक्रमादित्य के कहने पर ही कांग्रेस विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर वोट डाला था.