“चुनाव ने ले ली मेरी बेटी की जान, हुड्डा की पत्नी ने तो…”, हिमानी नरवाल की मां ने लगाए गंभीर आरोप, साजिश या कुछ और?

हिमानी की हत्या को लेकर उनके भाई जतिन ने भी बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जब तक अपराधी नहीं पकड़े जाते, वे अपनी बहन का शव नहीं लेंगे. जतिन का कहना है कि प्रशासन सही तरीके से काम नहीं कर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जिस बैग में शव मिला, वह उनके घर का ही था, और यदि प्रशासन सही तरीके से काम कर रहा होता, तो अब तक अपराधी पकड़े जा चुके होते.
Himani Narwal Murder Case

हिमानी की मां ने लगाए गंभीर आरोप

Himani Narwal Murder Case: हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की एक सक्रिय कार्यकर्ता हिमानी नरवाल की हत्या ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि यह एक ऐसी घटना बन गई है, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं. 1 मार्च 2025 को रोहतक के सांपला कस्बे के बस स्टैंड के पास एक नीले रंग के लावारिस सूटकेस में एक युवती की लाश मिली. जब पुलिस ने सूटकेस खोला, तो सबके होश उड़ गए. अंदर गला घोंटकर मारी गई एक युवती का शव था, जिसके हाथों में मेहंदी के निशान थे. शुरुआती जांच में शव की पहचान हिमानी नरवाल के रूप में हुई, जो कांग्रेस पार्टी की एक मेहनती कार्यकर्ता थीं.

हिमानी की मां ने लगाए गंभीर आरोप

हिमानी की मां सविता ने इस हत्या को लेकर कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. सविता का कहना है कि चुनाव और पार्टी ने उनकी बेटी की जान ले ली. उन्होंने दावा किया कि हिमानी पार्टी में बहुत सक्रिय थीं और तेजी से आगे बढ़ रही थी, जिससे कुछ लोग नाराज थे और उसकी हत्या कर दी. सविता ने यह भी कहा कि हिमानी के कुछ राजनीतिक दुश्मन हो सकते थे, जिनके कारण उसकी जान गई.

हिमानी की मां सविता ने आगे कहा कि हिमानी कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं के संपर्क में थीं और खासकर आशा हुड्डा (भूपिंदर सिंह हुड्डा की पत्नी) से बहुत करीब थीं. उन्होंने यह आरोप लगाया कि जब उन्होंने 28 फरवरी को आशा हुड्डा को फोन किया, तो उन्होंने उनका फोन नहीं उठाया, जबकि उनका अपना परिवार इस मुश्किल वक्त में मदद की उम्मीद कर रहा था. सविता के अनुसार, उनका परिवार पहले से ही भय के साए में जी रहा था क्योंकि उनका बड़ा बेटा 2011 में हत्या का शिकार हो चुका था और उन्हें कभी न्याय नहीं मिला.

हिमानी का राजनीतिक सफर

हिमानी नरवाल पिछले 10 सालों से कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई थीं. उनका राजनीति में ऊंचा मुकाम हासिल करना कई लोगों को अखर सकता था. सविता ने बताया कि हिमानी कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेताओं, जैसे राहुल गांधी और भूपिंदर सिंह हुड्डा के साथ जुड़ी हुई थीं. वह भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुई थीं, और पार्टी के हर बड़े कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति रहती थी. पार्टी में उनकी मेहनत और सक्रियता को लेकर कई बार उनकी तारीफ भी हुई थी.

लेकिन चुनाव के बाद, हिमानी पार्टी से थोड़ी निराश हो गई थीं. उन्होंने पार्टी से कुछ दूरी बनाने का फैसला लिया था और एक नौकरी की तलाश में थी. सविता के मुताबिक, हिमानी ने यह भी कहा था कि वह पार्टी के लिए ज्यादा काम नहीं करना चाहती थी. क्या हिमानी की यह निराशा और बदलाव का विचार किसी के लिए परेशानी का कारण बना था? इस सवाल का जवाब पुलिस और जांच अधिकारी तलाश रहे हैं.

“जब तक अपराधी नहीं पकड़े जाते, हम शव नहीं लेंगे”

हिमानी की हत्या को लेकर उनके भाई जतिन ने भी बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जब तक अपराधी नहीं पकड़े जाते, वे अपनी बहन का शव नहीं लेंगे. जतिन का कहना है कि प्रशासन सही तरीके से काम नहीं कर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जिस बैग में शव मिला, वह उनके घर का ही था, और यदि प्रशासन सही तरीके से काम कर रहा होता, तो अब तक अपराधी पकड़े जा चुके होते. जतिन ने यह भी कहा कि अभी तक कांग्रेस पार्टी से कोई भी व्यक्ति उनके पास मदद के लिए नहीं आया है, जबकि उनका पूरा परिवार मुश्किल में है. उन्होंने यह बताया कि उनके पिता की मृत्यु हो चुकी है, बड़े भाई की हत्या हो चुकी है, और अब उनकी बहन की हत्या हो गई है.

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जांच में जुटी पुलिस

मृतका की पहचान के बाद, पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पांच जांच टीमों का गठन किया है. जांच में सबसे बड़ी चुनौती यह रही है कि जहां हिमानी का शव मिला, वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था, जिससे पुलिस को अहम सुराग हासिल करने में मुश्किल हो रही है. इसके बावजूद पुलिस सीसीटीवी फुटेज, सोशल मीडिया अकाउंट्स, और आसपास के लोगों से जानकारी जुटा रही है.

सांपला थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह का कहना है कि इस समय पुलिस को हत्या के पीछे कोई राजनीतिक कोण नजर नहीं आ रहा है, लेकिन सभी संभावनाओं की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि हत्या के कारण को लेकर कई सवाल हैं, जैसे कि क्या यह व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम था, या फिर किसी और साजिश का हिस्सा?

कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने

इस हत्या के बाद हरियाणा की सियासत गरमा गई है. हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि हिमानी की मां के आरोप गंभीर हैं, और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इसे एक दुखद घटना बताया और कहा कि हरियाणा में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है. उन्होंने इस मामले की शीघ्र जांच की मांग की. कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए, चाहे वह पार्टी का सदस्य हो या बाहरी व्यक्ति.

आगे क्या?

हिमानी नरवाल की हत्या का मामला अब एक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन चुका है. पुलिस जांच में अब तक किसी ठोस सबूत की कमी के बावजूद, हरियाणा की सियासत इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना चुकी है. अब यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले को किस दिशा में ले जाती है और सच का खुलासा होता है या नहीं.

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