994 संपत्तियों पर अवैध कब्जा, तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मामले…क्या वक्फ बोर्ड की आड़ में देशभर में चल रहा है बड़ा ‘खेल’?

क्या हो सकता है समाधान? इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार को वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को अपडेट करने, अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और वक्फ बोर्ड को ज्यादा अधिकार देने की जरूरत है. इसके साथ ही, राज्य सरकारों को इस दिशा में सहयोग बढ़ाना होगा, ताकि वक्फ संपत्तियों का उचित प्रबंधन और संरक्षण हो सके.
Waqf Properties

प्रतीकात्मक तस्वीर

Waqf Properties: हाल ही में संसद में एक अहम मामला उठाया गया, जिससे देशभर में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे की गंभीर स्थिति सामने आई. केंद्र सरकार ने बताया कि देशभर में कुल 994 वक्फ संपत्तियां ऐसी हैं, जिन पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है. यह जानकारी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में दी.

वक्फ संपत्तियों पर कब्जे का खुलासा

वक्फ संपत्तियां वह संपत्तियां होती हैं, जिन्हें मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए दान किया जाता है. इन्हें कानूनन सुरक्षित माना जाता है, और इनका इस्तेमाल गरीबों, मस्जिदों और अन्य समाजिक कार्यों में किया जाता है. लेकिन, कुछ लोग इन संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर लेते हैं, जो एक बड़ी समस्या बन चुकी है.

केंद्र सरकार के मुताबिक, देशभर में 994 वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा किया गया है. इस सूची में सबसे ज्यादा कब्जे तमिलनाडु में हैं, जहां 734 संपत्तियां प्रभावित हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश (152), पंजाब (63), उत्तराखंड (11), और जम्मू-कश्मीर (10) जैसे राज्यों में भी कब्जे की खबरें हैं.

क्या कह रही है सरकार?

केंद्र सरकार ने बताया कि इन अवैध कब्जों के बारे में जानकारी वक्फ अधिनियम के तहत पंजीकृत संपत्तियों की जांच से मिली है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने संसद में यह भी बताया कि वक्फ संपत्तियों का विवाद लंबे समय से चल रहा है, और यह मामले विभिन्न राज्यों में बढ़ते जा रहे हैं.

वक्फ को नई ज़मीन नहीं मिली

वहीं, एक और महत्वपूर्ण जानकारी दी गई कि 2019 के बाद से वक्फ बोर्ड को कोई नई ज़मीन नहीं दी गई है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड को कोई नई ज़मीन उपलब्ध नहीं कराई है. इससे यह साफ है कि राज्य सरकारों के सहयोग के बिना वक्फ बोर्ड की स्थिति मजबूत नहीं हो पाई है.

वक्फ संपत्तियों पर विवाद

पिछले सप्ताह, संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि उनकी समिति ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर वक्फ संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी है. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि जिन संपत्तियों पर कब्जे हो चुके हैं, उनका सही तरीके से निपटारा किया जा सके.

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क्यों है यह मुद्दा अहम?

वक्फ संपत्तियां न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह समाज के एक बड़े हिस्से के लिए लाभकारी हैं. इन संपत्तियों का सही तरीके से इस्तेमाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है, ताकि वे समाज के भले के लिए काम कर सकें. अवैध कब्जे की वजह से इन संपत्तियों का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है और इसका असर समाज के सबसे कमजोर वर्गों पर पड़ता है.

क्या हो सकता है समाधान?

इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार को वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को अपडेट करने, अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और वक्फ बोर्ड को ज्यादा अधिकार देने की जरूरत है. इसके साथ ही, राज्य सरकारों को इस दिशा में सहयोग बढ़ाना होगा, ताकि वक्फ संपत्तियों का उचित प्रबंधन और संरक्षण हो सके. हालांकि, मोदी सरकार संसद के इसी सत्र में वक्फ संसोधन विधेयक पारित कराने पर विचार कर रही है.लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते अभी तक इस पर ठीक से चर्चा नहीं हो पाई है.

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