India Q4 GDP: रॉकेट की रफ्तार से भाग रही देश की अर्थव्यवस्था! चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रही

पिछले वित्त वर्ष में भारत का राजकोषीय घाटा लगभग 16.54 लाख करोड़ रुपये रहा है. यह सरकार के अनुमान 5.8 फीसदी से नीचे जाकर 5.6 फीसदी रहा है.
India Q4 GDP

प्रतीकात्मक तस्वीर

India Q4 GDP: वित्त वर्ष 2024 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे. चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8 फीसदी रही है. पिछले वित्त वर्ष में भारत का राजकोषीय घाटा लगभग 16.54 लाख करोड़ रुपये रहा है. अगर आंकड़ों को देखें तो एक साल पहले की समान तिमाही में यह 6.2 फीसदी थी. हालांकि अक्टूबर-दिसंबर, 2023 की तुलना में मार्च तिमाही की वृद्धि रफ्तार में नरमी आई है. दिसंबर तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 8.6 फीसदी की उच्च दर से बढ़ी थी. जीडीपी निश्चित अवधि में देश की भौगोलिक सीमा के भीतर उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है.

2022-23 में 7% बढ़ी थी देश की अर्थव्यवस्था

पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में अर्थव्यवस्था 7% बढ़ी थी. जनवरी-मार्च 2024 के दौरान आर्थिक विस्तार 7.8% दर्ज किया गया, जबकि अक्टूबर-दिसंबर 2023 में यह 8.6% और जुलाई-सितंबर 2023 में 8.1% था. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून 2023 में वृद्धि 8.2% थी. 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी 6.2% बढ़ी.

एनएसओ ने फरवरी में जारी अनुमान में 2022-23 के लिए जीडीपी वृद्धि 7.7% रहने का अनुमान लगाया था. एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, वास्तविक जीडीपी या स्थिर कीमतों पर जीडीपी 2023-24 में 173.82 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है, जबकि 2022-23 के लिए जीडीपी का पहला संशोधित अनुमान (FRE) 160.71 लाख करोड़ रुपये है.

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6.8% की दर से GDP बढ़ने का अनुमानः मूडीज

मूडीज रेटिंग्स ने भी मजबूत आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की वृद्धि दर 2024 में 6.8 प्रतिशत और 2025 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. भारत की वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वर्ष 2023 में 7.7 प्रतिशत बढ़ी थी, जबकि 2022 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर थी. सरकार के सशक्त पूंजीगत व्यय और मजबूत विनिर्माण गतिविधियों के दम पर यह संभव हो पाया. मूडीज ने ‘वैश्विक व्यापक-आर्थिक परिदृश्य 2024-25’ में कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को आसानी से छह-सात प्रतिशत की दर से बढ़ना चाहिए. हम इस साल करीब 6.8 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाते हैं.’’

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