1983 से 2025 तक…फ्रांस से 4 गुना आगे बढ़ा भारत, ये आंकड़े दे हैं गवाही

भारत ने पिछले कुछ दशकों में कई आर्थिक सुधार किए हैं, जैसे डिजिटलाइजेशन, आत्मनिर्भर भारत योजना, और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना. इन सब कारणों से भारत की इकोनॉमी लगातार बढ़ रही है.

India PPP Economy: जब हम किसी देश की अर्थव्यवस्था की बात करते हैं, तो आमतौर पर दो तरह के मापदंड होते हैं – नॉमिनल जीडीपी और पीपीपी (Purchasing Power Parity). नॉमिनल जीडीपी सिर्फ यह दिखाता है कि उस देश की अर्थव्यवस्था का आकार डॉलर के हिसाब से कितना है, जबकि पीपीपी यह बताता है कि किसी देश की मुद्रा से कितनी वस्तुएं और सेवाएं खरीदी जा सकती हैं, बिना एक्सचेंज रेट की परेशानियों के. यह समझने में मदद करता है कि किसी देश का जीवन स्तर और क्रय शक्ति कैसी है. आज हम विस्तार से बात करेंगे कि भारत ने पिछले 30 सालों में किस तरह से अपनी पीपीपी इकोनॉमी को बढ़ाया है और अब वह फ्रांस से भी कहीं आगे निकल चुका है.

भारत की इकोनॉमी का जबरदस्त उछाल

वर्तमान में भारत की पीपीपी इकोनॉमी दुनिया में तीसरे स्थान पर है, यानी यह अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी है. 2025 तक भारत की पीपीपी इकोनॉमी लगभग 17.36 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है, जो कि 2024 में 16 ट्रिलियन डॉलर थी. इसका मतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था में 1 ट्रिलियन डॉलर का और इजाफा होने की उम्मीद है. इसके अलावा, भारत की नॉमिनल जीडीपी लगभग 4.27 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है, और भारत सरकार का लक्ष्य 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का है.

भारत ने पिछले कुछ दशकों में कई आर्थिक सुधार किए हैं, जैसे डिजिटलाइजेशन, आत्मनिर्भर भारत योजना, और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना. इन सब कारणों से भारत की इकोनॉमी लगातार बढ़ रही है. हालांकि पिछले साल भारत की जीडीपी ग्रोथ में थोड़ी गिरावट आई है, फिर भी यह अन्य देशों के मुकाबले तेज़ है.

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फ्रांस की इकोनॉमी की स्थिति

अब बात करते हैं फ्रांस की. 2025 तक फ्रांस की पीपीपी इकोनॉमी लगभग 4.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. 2024 में यह 3.98 ट्रिलियन डॉलर थी. इसका मतलब है कि फ्रांस की इकोनॉमी में अगले साल थोड़ा इजाफा होने की उम्मीद है. फ्रांस की नॉमिनल जीडीपी करीब 3 ट्रिलियन डॉलर है, लेकिन इसके विकास की गति अपेक्षाकृत धीमी रही है, खासकर पिछले कुछ सालों में. 2024 में फ्रांस की इकोनॉमी में सिर्फ 1% की वृद्धि देखी गई.

1983 से 2025 तक भारत और फ्रांस की तुलना

1983 में फ्रांस की पीपीपी इकोनॉमी 0.7 ट्रिलियन डॉलर थी. वहीं भारत की पीपीपी इकोनॉमी 0.5 ट्रिलियन डॉलर थी. इसका मतलब था कि उस वक्त फ्रांस की अर्थव्यवस्था भारत से करीब 200 बिलियन डॉलर बड़ी थी. अब 2025 में भारत की पीपीपी इकोनॉमी लगभग 17 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि फ्रांस की सिर्फ 4.5 ट्रिलियन डॉलर होगी. इसका मतलब है कि भारत अब फ्रांस से 4 गुना बड़ी इकोनॉमी बन चुका है. पिछले 30 सालों में भारत की पीपीपी इकोनॉमी में 3,372% की वृद्धि हुई है. यह एक डिजिटल और तकनीकी रूप से सशक्त देश बनने का नतीजा है. फ्रांस की पीपीपी इकोनॉमी में इस दौरान सिर्फ 542% की वृद्धि हुई है, यानी फ्रांस का आर्थिक विकास बहुत धीमा रहा है.

डिजिटल युग में भारत

आज के समय में भारत ने डिजिटल इंडिया, ई-गवर्नेंस और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों के जरिए अपनी अर्थव्यवस्था को नया आकार दिया है. भारत का युवा वर्ग तकनीकी रूप से सशक्त है और यही भारत को एक ग्लोबल डिजिटल पावर बना रहा है. भारत में विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ रहा है. भारत अब एफडीआई (Foreign Direct Investment) के मामले में एशिया का सबसे बड़ा गंतव्य बन चुका है. इसके साथ ही भारत के निर्माण क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है.

आंकड़े यह बता रही है कि कैसे भारत ने पिछले तीन दशकों में अपनी पीपीपी इकोनॉमी को बढ़ाया और अब वह फ्रांस से चार गुना बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. यह केवल आंकड़े नहीं, बल्कि भारत के तकनीकी सुधार, नीतियों और मजबूत नेतृत्व का परिणाम है.

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