मोहब्बत की दुकान में नफरत का तड़का! कठुआ बलात्कार केस के आरोपी समर्थक को टिकट देकर कांग्रेस ने मचाया बवाल

अब कांग्रेस ने लाल सिंह को टिकट देने का निर्णय लिया है, जिसके बाद पार्टी की नीतियों को लेकर सवाल उठने लगे हैं. खासकर मुस्लिम नेताओं और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. DPAP ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए यह शर्मनाक है कि उन्होंने बलात्कारियों के समर्थक को कांग्रेस में शामिल किया.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी लाल सिंह

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी लाल सिंह

Jammu kashmir Election: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 19 नए उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें एक नाम ने सबको हैरान कर दिया है. कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी लाल सिंह को बसोहली विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. यह वही लाल सिंह हैं जिन्होंने कठुआ बलात्कार केस के आरोपियों के समर्थन में तिरंगा रैली निकाली थी. इस फैसले ने कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाने वालों की संख्या बढ़ा दी है. आइए जानते हैं पूरा मामला और लाल सिंह की राजनीति की कहानी…

कठुआ बलात्कार केस: एक दिल दहला देने वाली घटना

2018 में जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की मुस्लिम बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था. इतना ही नहीं बच्ची की हत्या भी कर दी गई थी. यह घटना इतनी निंदनीय और दुखद थी कि पूरे देश में गुस्सा और आक्रोश फैल गया. इस मामले में जब स्थानीय लोगों ने आरोपियों के खिलाफ आवाज उठाई, तो उस वक्त के वन मंत्री और बीजेपी नेता लाल सिंह ने उसके समर्थन में तिरंगा यात्रा की अगुआई की. इसके बाद, लाल सिंह को आरोपियों के पक्ष में बयान देने के कारण भारी आलोचना का सामना करना पड़ा और उन्हें मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा.

कांग्रेस का फैसला और विरोध

अब कांग्रेस ने लाल सिंह को टिकट देने का निर्णय लिया है, जिसके बाद पार्टी की नीतियों को लेकर सवाल उठने लगे हैं. खासकर मुस्लिम नेताओं और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. DPAP ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए यह शर्मनाक है कि उन्होंने बलात्कारियों के समर्थक को कांग्रेस में शामिल किया.

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लाल सिंह का राजनीतिक सफर

चौधरी लाल सिंह का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प और विवादों से भरा रहा है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की और 1996 में बशोली विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने. इसके बाद, वह 2002 में दोबारा विधायक बने. कांग्रेस-पीडीपी गठबंधन सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री और फिर वन मंत्री रहे. 2004 और 2009 में वह लोकसभा सांसद बने, लेकिन 2014 में कांग्रेस से बाहर हो गए और बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी में रहते हुए, उन्होंने पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री का पद संभाला. 2019 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद, वह कांग्रेस में शामिल हो गए और अब 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार हैं.

लाल सिंह की वापसी से उठने लगे सवाल

लाल सिंह की वापसी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो इस मुद्दे पर संवेदनशील हैं. कांग्रेस को यह साबित करना होगा कि उनका यह निर्णय पार्टी की नीति और मूल्यों के अनुरूप है. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का कांग्रेस के चुनावी भविष्य पर क्या असर पड़ता है और जनता की प्रतिक्रिया कैसी होती है.

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