“…तो वक्फ की संपत्ति होता संसद भवन”, किरेन रिजिजू ने क्यों कहा ऐसा?

किरेन रिजिजू ने कहा कि इस बिल को लाने से पहले सभी पक्षों की राय ली गई है. उन्होंने कहा कि देश भर से 97 लाख से ज्यादा सुझावों को सुना गया. 25 राज्यों के वक्फ बोर्ड ने भी सुझाव दिए और उन पर भी विचार किया गया. 1954 में पहली बार आजाद भारत में वक्फ बोर्ड ऐक्ट आया था.
Kiren Rijiju On Waqf Amendment Bill

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

Kiren Rijiju On Waqf Amendment Bill: मोदी सरकार ने लोकसभा में ‘वक्फ संशोधन विधेयक 2024’ पेश कर दिया है. अब इस पर सदन में चर्चा हो रही है. चर्चा की शुरुआत केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने की. उन्होंने अपने अंदाज में सरकार का पक्ष रखा. किरेन रिजिजू ने उन लोगों पर जमकर निशाना साधा, जो इस बिल को लेकर कथित तौर पर झूठी अफवाहें फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग सड़कों पर पत्थर और लाउडस्पीकर लेकर मुसलमानों को भड़का रहे हैं, लेकिन सच इससे कोसों दूर है.

इस दौरान रिजिजू का शायराना अंदाज भी देखने को मिला. उन्होंने कहा कि किसी की बात कोई बुरा-गम न समझेगा… जमीन का दर्द कभी आसमान नहीं समझेगा…मुझे न सिर्फ उम्मीद है, बल्कि मुझे पूरा भरोसा है कि इस विधेयक का विरोध करने वालों के दिलों में भी बदलाव आएगा.

बिल नहीं लाती मोदी सरकार तो संसद भवन भी वक्फ का होता- रिजिजू

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल नहीं लाती तो यह संसद परिसर भी वक्फ के हिस्से में होता. वसंत कुंज, दिल्ली एयरपोर्ट समेत कुल 123 स्थान ऐसे हैं, जिन पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया था. उन्होंने कहा कि सेक्शन 108 में कहा गया कि वक्फ ऐक्ट किसी भी कानून से ऊपर रहेगा. मंत्री ने कहा कि संशोधन विधेयक में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप की कोई बात हो.

किरेन रिजिजू ने कहा कि इस बिल को लाने से पहले सभी पक्षों की राय ली गई है. उन्होंने कहा कि देश भर से 97 लाख से ज्यादा सुझावों को सुना गया. 25 राज्यों के वक्फ बोर्ड ने भी सुझाव दिए और उन पर भी विचार किया गया. 1954 में पहली बार आजाद भारत में वक्फ बोर्ड ऐक्ट आया था. तभी राज्य वक्फ बोर्ड्स का भी प्रस्ताव आया था. तब से कई बार इसमें संशोधन हुआ था और 1995 में बड़ा बदलाव हुआ था. तब किसी ने भी नहीं कहा था कि यह बिल असंवैधानिक है. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. आप सच्चे मन से सोचते तो लोगों को गुमराह नहीं करते. किरेन रिजिजू ने कहा कि मैंने एक बात भी अपने मन से नहीं की है बल्कि जो तथ्य हैं. उन्हें ही सामने रखा है.

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ये देश संविधान से चलता है-रिजिजू

लोकसभा में रिजिजू ने कहा, “सड़कों पर पत्थर लेकर लोगों को उकसाना देश के लिए ठीक नहीं है. कुछ लोग कह रहे हैं कि मुस्लिम की जमीन-जायदाद छीन ली जाएगी. मुझे समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों बोला जा रहा है? यह देश संविधान और कानून से चलता है, किसी की जमीन कैसे छीन सकते हैं?” उन्होंने कहा कि झूठ बोलकर लोगों को बरगलाना बंद होना चाहिए.

ईद के दिन झूठ बोलने वाला नकली आदमी!

रिजिजू ने आगे कहा, “कई जगहों पर लाउडस्पीकर लगाकर चिल्लाया जा रहा है कि मुसलमानों की जमीन छीनी जा रही है. ऐसा कहने वालों को पहचानिए. इतना साफ-साफ झूठ बोलने की जरूरत क्या है? आज ईद का दिन है, झूठ नहीं बोलना चाहिए. जो आज झूठ बोलेगा, वो नकली आदमी है.”

उन्होंने ये भी कहा कि इस बिल पर इतनी चर्चा पहले कभी नहीं हुई. हिंदुस्तान के इतिहास में किसी बिल पर 97 लाख से ज्यादा मेमोरेंडम नहीं आए. देर रात तक चर्चा करनी पड़ी है. हम अब भी तैयार हैं, जितना नियम अधिकार देता है, उतना बोलने की आजादी सबको है.” यानी बिल पर अभी मंथन जारी है, और सरकार कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती.

बिल के आने से पहले ही अफवाहों का बाजार गर्म है. कुछ लोग इसे मुस्लिम समुदाय की संपत्ति पर हमला बता रहे हैं, तो कुछ इसे जरूरी सुधार का कदम मान रहे हैं. रिजिजू का कहना है कि ये सब झूठ का पुलिंदा है. संविधान किसी की जमीन छीनने की इजाजत नहीं देता. जो ऐसा कह रहे हैं, वो समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं.

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