आग की लपटों में जलते लोग, पोटली में शरीर और हर तरफ भय…जयपुर टैंकर ब्लास्ट की गहरी दास्तान

सड़क पर भागते लोग, जलते हुए बर्तन, बिखरे हुए टिफिन—हर तरफ सिर्फ भय और अफरा-तफरी का आलम था. लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे, लेकिन आग की लपटों ने सब कुछ निगल लिया.
Jaipur Tanker Blast

जयपुर हादसे की तस्वीरें

Jaipur Tanker Blast: जयपुर हाइवे पर शुक्रवार को एक भयंकर हादसा हुआ, जिसे देखकर किसी की भी रूह कांप जाए. गैस से भरा एक ट्रक जैसे ही सड़क पर पलटा, उसकी आग की लपटों ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया. देखते ही देखते, लाखों रुपए की गाड़ियां जलकर खाक हो गईं, और आग की लहरें सैकड़ों मीटर तक फैल गईं. सड़क पर भागते लोग, जलते हुए बर्तन, बिखरे हुए टिफिन—हर तरफ सिर्फ भय और अफरा-तफरी का आलम था. लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे, लेकिन आग की लपटों ने सब कुछ निगल लिया.

इस हादसे ने न केवल वहां की शांतिपूर्ण वातावरण को छिन्न-भिन्न कर दिया, बल्कि इसके साथ ही समाज के लिए गहरे दर्द और दास्तानें भी छोड़ दीं. इस घटना में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 32 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. इतना ही नहीं, कइयों की तो पहचान भी नहीं हो पा रही है.

घायलों और मृतकों की भयावह स्थिति

घायलों का इलाज जयपुर के SMS अस्पताल में चल रहा है. उनमें से 15 लोग ऐसे हैं, जो 50 प्रतिशत से ज्यादा जल गए हैं, और उनकी हालत काफी गंभीर है. अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं इस हद तक चरम सीमा पर हैं कि डॉक्टरों के लिए यह तय करना भी मुश्किल हो गया है कि किसे पहले इलाज दिया जाए.

मृतकों की पहचान करना भी एक बड़ा चुनौती बन चुका है. इस हादसे में जो शव बरामद हुए, उनमें से कुछ का तो शरीर पहचानने योग्य नहीं बचा था. इनमें से कुछ शव तो ऐसे थे जिन्हें पूरी तरह से जल जाने के बाद छोटी सी पोटली में रखा गया था.

कांस्टेबल अनीता मीणा की मौत

इस हादसे से जुड़ी कुछ घटनाएं और गवाहियां बताती हैं कि यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक मानवीय त्रासदी भी थी. जैसे कि जयपुर पुलिस की कांस्टेबल अनीता मीणा के मामले को देखें. अनीता अपनी ड्यूटी पर जा रही थीं और एक स्लीपर बस में सवार थीं. उनके पति को अस्पताल में उनकी कोई खबर नहीं मिली, जिसके बाद उन्हें मुर्दाघर जाने की सलाह दी गई. मुर्दाघर में जाकर जब उन्होंने अपनी पत्नी का शव देखा, तो उनका दिल टूट गया. अनीता के दो छोटे बच्चे हैं, और यह हादसा उनके परिवार के लिए अविस्मरणीय दर्द छोड़ गया है.

सरकारी सहायता

राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने मृतकों के परिवारों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है, वहीं राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये और घायलों को एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. यह मुआवजा चाहे जितना भी हो, लेकिन वह इस दर्द का कोई समाधान नहीं है जो इन परिवारों ने झेला है.

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कैसे हुआ ब्लास्ट?

पुलिस प्रशासन ने दावा किया है कि यह हादसा टैंकर में गैस या किसी अन्य ज्वलनशील पदार्थ के लीक होने के कारण हुआ है. हालांकि, घटना की पूरी जांच जारी है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार टैंकर के बम या गैस लीक होने की संभावना जताई जा रही है. यह हादसा ऐसे समय में हुआ, जब भारी ठंड और सुबह का वक्त था. इस दौरान लोग अक्सर सड़कों पर सफर कर रहे होते हैं. विस्फोट के समय भारी संख्या में लोग सड़क पर थे, जिससे यह हादसा और भी भयावह हो गया.

इस हादसे के प्रभाव केवल जयपुर तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि राजस्थान के अन्य हिस्सों में भी यह सुरक्षा के मुद्दे को लेकर चिंता का कारण बन गया है. सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस प्रकार के हादसों से बचने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

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