कंगाल पाकिस्तान को समुद्र में मिला खजाना, अब बदल जाएगी किस्मत! पैसों की होगी बरसात

हालांकि, इस भंडार के व्यावसायिक लाभकारी साबित होने की गारंटी नहीं है. इसे निकालने और उपयोगी बनाने के लिए बड़ी मात्रा में निवेश की आवश्यकता होगी, और इसमें कई साल लग सकते हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर

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Pakistan: कंगाल पाकिस्तान के हाथ एक खजाना लग गया है. इस खजाने के जरिए पड़ोसी मुल्क अपनी माली हालत ठीक कर सकता है. दरअसल, पाकिस्तान के जलक्षेत्र में एक विशाल तेल और गैस का भंडार मिला है. इससे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना बढ़ी है. इस भंडार के मिलने से उनके ऊर्जा संकट को काफी हद तक हल किया जा सकता है, और इससे देश की आयात पर निर्भरता भी कम हो सकती है.

हालांकि, इस भंडार के व्यावसायिक लाभकारी साबित होने की गारंटी नहीं है. इसे निकालने और उपयोगी बनाने के लिए बड़ी मात्रा में निवेश की आवश्यकता होगी, और इसमें कई साल लग सकते हैं. इसके अलावा पाकिस्तान को विश्वस्तरीय तकनीकी सहयोग और वित्तीय सहायता की भी जरूरत होगी, खासकर अपने मित्र राष्ट्रों से. दावा किया जा रहा है कि इस भंडार में न सिर्फ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस है, बल्कि कई अन्य मूल्यवान खनिज भी शामिल हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इसे निकालने में कई साल लग सकते हैं. कुओं की खुदाई और तेल और गैस निकालने की प्रक्रिया लंबी हो सकती है, जिसके लिए सहयोग की आवश्यकता होगी.

विशेषज्ञों की चेतावनी

पूर्व तेल और गैस विनियामक प्राधिकरण के सदस्य मुहम्मद आरिफ ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि भंडार अपेक्षाओं को पूरा करेगा. उन्होंने कहा कि अन्वेषण के लिए लगभग 5 बिलियन डॉलर के पर्याप्त निवेश की आवश्यकता है, और भंडार निकालने में पांच साल तक का समय लग सकता है.

अधिकारी ने कहा कि भंडार का आकार और उत्पादन की वसूली दर यह निर्धारित करेगी कि वे पाकिस्तान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकते हैं या नहीं. यदि गैस भंडार की खोज की जाती है, तो वे महंगे एलएनजी आयात की जगह ले सकते हैं, जबकि तेल भंडार आयातित तेल पर देश की निर्भरता को कम कर सकते हैं. हालांकि, जब तक भंडार का उचित विश्लेषण नहीं हो जाता और अन्वेषण शुरू नहीं हो जाता, तब तक आरिफ ने कहा कि मौजूदा उत्साह अटकलों पर आधारित है.

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संघर्ष कर रही है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था

विश्व बैंक के अनुसार, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 2022 की विनाशकारी बाढ़ और वैश्विक आर्थिक मंदी सहित बाहरी झटकों के कारण संघर्ष कर रही है. 2024 के लिए विकास अनुमानों को घटाकर केवल 1.7% कर दिया गया है, जो विकट स्थिति को दर्शा रहा है.

देश भारी कर्ज में भी डूबा हुआ है. 2023 तक कुल बाहरी कर्ज 126 बिलियन डॉलर से अधिक है. सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति, घटते विदेशी भंडार और बढ़ते राजकोषीय दबावों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नाजुक स्थिति में पहुंचा दिया है. महंगाई का आलम यह है कि देश में लोग आलू टमाटर भी तीन-तीन सौ रुपये किलो तक खरीद रहे हैं. चिकन-रोटी पर भी मानों पहरा लग गया हो.

 

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