मिल्कीपुर में इस दिन होगी वोटिंग, चुनाव आयोग ने कर दिया ऐलान, सपा और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला

इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. दोनों ही पार्टियां इस चुनाव को अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रही हैं.
Milkipur Bypoll

सीएम योगी और अखिलेश यादव

Milkipur Bypoll: उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. यह सीट समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी. चुनाव आयोग ने इस उपचुनाव के लिए 5 फरवरी 2025 को मतदान की तारीख घोषित की है, जबकि नतीजे 8 फरवरी को आएंगे.

यह उपचुनाव दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ ही होगा. सपा ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार के रूप में अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है. हालांकि, बीजेपी की ओर से अब तक उम्मीदवार के नाम पर कोई घोषणा नहीं हुई है.

चुनाव आयोग के अनुसार, 10 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी, 17 जनवरी तक नामांकन प्रक्रिया पूरी होगी, और 20 जनवरी तक नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि होगी. इसके बाद 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे.

बीजेपी और सपा के बीच मुकाबला

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर यह उपचुनाव खासा दिलचस्प है क्योंकि यह पहले समाजवादी पार्टी के पास थी. सपा के विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर उपचुनाव अब बीजेपी और सपा के बीच एक अहम राजनीतिक संघर्ष का रूप ले चुका है. पिछले लोकसभा चुनाव में अयोध्या की फैजाबाद सीट पर बीजेपी को सपा के अवधेश प्रसाद के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, जिससे मिल्कीपुर सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है.

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बीजेपी की चुनावी तैयारी

बीजेपी इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. पार्टी ने इस उपचुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए छह मंत्रियों को मैदान में उतारा है. इनमें जेपीएस राठौर, एमएलसी धर्मेंद्र सिंह, स्वतंत्र देव सिंह, सतीश शर्मा, गिरीश यादव और मयंकेश्वर सिंह का नाम शामिल है. ये सभी मंत्री अयोध्या जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही के साथ मिलकर काम करेंगे. इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी समय-समय पर इस सीट पर दौरे करेंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मिल्कीपुर सीट पर चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं, और उनकी पूरी कोशिश है कि पार्टी की ताकत को सही तरीके से मैदान में उतारा जा सके.

सपा और बीजेपी के बीच घमासान

इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. दोनों ही पार्टियां इस चुनाव को अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रही हैं, क्योंकि यह सीट उनकी ताकत और जमीनी समर्थन को परखने का मौका देगी.

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