UPI इंसेंटिव से लेकर ‘गोकुल मिशन’ तक…मोदी सरकार ने किसानों और व्यापारियों के लिए खोल दिया खजाना!

अगर आप छोटे व्यापारी हैं और भीम-यूपीआई (UPI) के जरिए लेन-देन करते हैं, तो अब आपको इसका फायदा मिलेगा. सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये की योजना बनाई है, जिसके तहत 2,000 रुपये तक के यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर छोटे दुकानदारों को 0.15% का इंसेंटिव मिलेगा.
Rashtriya Gokul Mission

प्रतीकात्मक तस्वीर

Rashtriya Gokul Mission: केंद्र सरकार ने बुधवार को कुछ बड़े फैसले किए हैं, जो देशभर में किसानों, छोटे व्यापारियों और आम जनता के लिए फायदेमंद साबित होंगे. दरअसल, मोदी मंत्रिमंडल ने आज कम वैल्यू वाले भीम-यूपीआई ट्रांजैक्शन (UPI Incentive) को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये की इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी है. इसके जरिए अब छोटे व्यापारियों की कैटेगरी से संबंधित 2000 रुपये तक के ट्रांजैक्शन के लिए प्रति ट्रांजैक्शन वैल्यू पर 0.15% की दर से इंसेंटिव दिया जाएगा.

UPI ट्रांजैक्शन पर इंसेंटिव

अगर आप छोटे व्यापारी हैं और भीम-यूपीआई (UPI) के जरिए लेन-देन करते हैं, तो अब आपको इसका फायदा मिलेगा. सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये की योजना बनाई है, जिसके तहत 2,000 रुपये तक के यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर छोटे दुकानदारों को 0.15% का इंसेंटिव मिलेगा. मतलब, अगर आपने 2,000 रुपये का पेमेंट किया, तो आपको 3 रुपये तक का फायदा होगा. यह योजना 1 अप्रैल 2024 से शुरू होकर 31 मार्च 2025 तक चलेगी. इससे छोटे व्यापारी ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट अपनाएंगे और उनका काम आसान होगा.

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 3400 करोड़

भारत में डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 3,400 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है. इस मिशन का मकसद गायों के दूध उत्पादन को बढ़ाना है, इसके लिए नई तकनीक जैसे कृत्रिम गर्भाधान और IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी, और देश में दूध उत्पादन में सुधार होगा.

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नई एक्सप्रेसवे परियोजना

महाराष्ट्र में एक नई एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी मिली है, जो जेएनपीए बंदरगाह को प्रमुख सड़क से जोड़ेगा. इस 29.21 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर 4,500 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इससे राज्य के व्यापार और यातायात में तेजी आएगी, और लोग जल्दी अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे. यह परियोजना महाराष्ट्र के आर्थिक विकास को गति देने में मदद करेगी.

उत्तर पूर्व में यूरिया प्लांट

उत्तर पूर्वी भारत के किसानों को यूरिया की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. सरकार ने असम में एक नया यूरिया प्लांट लगाने को मंजूरी दी है, जिससे इस क्षेत्र में यूरिया की आपूर्ति बढ़ेगी. इससे कृषि उत्पादकता में सुधार होगा और किसानों को उर्वरक की बेहतर उपलब्धता मिलेगी. इन सभी फैसलों से साफ है कि सरकार का ध्यान छोटे व्यापारियों, किसानों और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर है. इन योजनाओं से न सिर्फ ग्रामीण इलाकों में सुधार होगा, बल्कि देशभर में विकास की गति भी तेज होगी.

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