वक्फ की ‘बेलगाम शक्तियों’ पर नकेल कसने की तैयारी, संसद में लाया जाएगा बिल, ओवैसी बोले- अधिकार छीन रही हुकूमत

इन शक्तियों के कारण वक्फ बोर्ड अब भारतीय सशस्त्र बलों और रेलवे के बाद भूमि का तीसरा सबसे बड़ा मालिक है. वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 40 में बोर्ड को उस संपत्ति के स्वामित्व को अधिग्रहित करने, नोटिस जारी करने या जांच करने की शक्ति देता है जिसके बारे में उसे विश्वास है कि वह वक्फ की है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Wakf Act: केंद्र सरकार जल्द ही संसद में एक विधेयक ला सकती है. इस विधेयक में वक्फ अधिनियम में कई संशोधनों की मांग की जाएगी, जिसमें वक्फ बोर्ड की किसी भी भूमि को अपनी संपत्ति घोषित करने की ‘बेलगाम शक्तियों’ पर रोक लगाना भी शामिल है. सूत्रों के मुताबिक, इस विधेयक में वक्फ अधिनियम में लगभग 40 संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. सूत्रों के मुताबिक, इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है. हालांकि, अधिनियम में संसोधन से पहले ही ओवैसी ने सरकार पर वक्फ संपत्तियों को छीनने का आरोप लगा दिया है.

धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रचंड प्रहार: ओवैसी

AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “वक्फ एक्ट में ये संशोधन वक्फ की संपत्तियों को हड़पने के लिए लाया जा रहा है. यह संविधान में दिए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रचंड प्रहार है. आरएसएस की शुरू से ही वक्फ संपत्तियों को छीनने की मंशा रही है.”

वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा,”हमारे पूर्वजों ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा दान कर दिया और उन्होंने इसे इस्लामी कानून के तहत वक्फ का बना दिया. इसलिए जहां तक ​​वक्फ कानून का सवाल है, यह जरूरी है कि संपत्ति का उपयोग केवल उन धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए जिनके लिए इसे हमारे पूर्वजों ने दान किया था.”

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, ” नियम के मुताबिक, एक बार जब कोई संपत्ति वक्फ बन जाती है तो उसे न तो बेचा जा सकता है और न ही हस्तांतरित किया जा सकता है. हमें नहीं लगता कि इस वक्फ अधिनियम में किसी भी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता है. अगर सरकार संशोधन चाहती ही है तो वक्फ से जुड़े लोगों से सलाह मशविरा करना चाहिए.”

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वक्फ के पास कई शक्तियां?

वक्फ अधिनियम 1954 में बना था. हालांकि, बाद में इसमें कई संशोधन किए गए. इस अधिनियम के कारण वक्फ के पास कई असिमित शक्तियां हैं. अब सरकार इस अधिनियम में संशोधन करके वक्फ की शक्तियों को कम करने की तैयारी में है. वक्फ बोर्ड लगभग 940,000 एकड़ में फैली लगभग 870,000 संपत्तियों की देखरेख करता है. साल 2013 में यूपीए सरकार ने मूल वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के माध्यम से वक्फ बोर्ड के अधिकार को मजबूत किया था.

सेना और रेलवे के बाद भूमि का तीसरा सबसे बड़ा मालिक है वक्फ

बता दें कि इन शक्तियों के कारण वक्फ बोर्ड अब भारतीय सशस्त्र बलों और रेलवे के बाद भूमि का तीसरा सबसे बड़ा मालिक है. वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 40 में बोर्ड को उस संपत्ति के स्वामित्व को अधिग्रहित करने, नोटिस जारी करने या जांच करने की शक्ति देता है जिसके बारे में उसे विश्वास है कि वह वक्फ की है.

बोर्ड को मामले की स्वतंत्र जांच करने और विवादित संपत्ति के स्वामित्व के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचने की अनुमति है. कई कमियों को दूर करने के लिए 2013 में अधिनियम में संशोधन भी किए गए थे. वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को पंजीकृत करने के मामले में बेलगाम शक्ति प्रदान की गई है. वहीं दूसरे किसी ट्रस्ट, मठ, अखाड़े या समाज को उनके मामलों में दूर-दूर तक समानांतर स्वायत्तता नहीं दी गई है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया था नोटिस

मसौदा कानून में प्रस्तावित प्रमुख संशोधनों में वक्फ बोर्डों का पुनर्गठन, बोर्डों की संरचना में बदलाव और बोर्ड द्वारा वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले भूमि का सत्यापन सुनिश्चित करना शामिल है. इस विधेयक में वक्फ अधिनियम की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन करने का प्रस्ताव है, ताकि केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की संरचना में बदलाव किया जा सके. इसमें निकायों में महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके. जून 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में 123 संपत्तियों को लेकर केंद्र को नोटिस जारी किया है, जिन पर अवैध रूप से वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा रहा है.

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