क्या है श्वेत पत्र? जिसके जरिए कांग्रेस को घेरने की तैयारी में है मोदी सरकार
White Paper: बीजेपी कांग्रेस और यूपीए सरकार को घेरने की तैयारी में है. जल्द ही यूपीए सरकार के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र के माध्यम से भारत की आर्थिक बदहाली और अर्थव्यवस्था पर इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि इसमें उस समय उठाए जा सकने वाले सकारात्मक कदमों के प्रभाव के बारे में भी बात की जाएगी.
2014 से पहले अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन पर ‘श्वेत पत्र’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने गुरुवार (1 फरवरी) को अगले वित्तीय वर्ष के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए इस बात की घोषणा की. उन्होंने कहा कि 2014 में जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था को चरण दर चरण सुधारने और शासन प्रणालियों को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी.उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि लोगों में आशा जगाई जाए, निवेश आकर्षित किया जाए और बेहद जरूरी सुधारों के लिए समर्थन जुटाया जाए.
सीतारमण ने कहा, “सरकार ने ‘राष्ट्र-प्रथम’ के हमारे दृढ़ विश्वास का पालन करते हुए सफलतापूर्वक ऐसा किया.” उन्होंने आगे कहा कि उन वर्षों के संकट को दूर कर लिया गया है, और अर्थव्यवस्था को सर्वांगीण विकास के साथ उच्च सतत विकास पथ पर मजबूती से रखा गया है.
वरिष्ठ मंत्री ने कहा, “जनता के आशीर्वाद से, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और गतिशील नेतृत्व में हमारी सरकार ने 2014 में सत्ता संभाली, तो देश भारी चुनौतियों का सामना कर रहा था.”
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श्वेत पत्र क्या है?
श्वेत पत्र एक दस्तावेज़ है जो किसी कंपनी या गैर-लाभकारी संगठन द्वारा किसी समाधान, उत्पाद या सेवा की विशेषताओं को बढ़ावा देने या उजागर करने के लिए जारी किया जाता है.श्वेत पत्र का उपयोग सरकारी नीतियों और कानूनों को प्रस्तुत करने और जनता की राय जानने की एक विधि के रूप में भी किया जाता है. अब इसी के माध्यम से यूपीए सरकार को घेरने की तैयारी की जा रही है.
श्वेत पत्र अब क्यों आ रहा है?
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लोकसभा के 543 सदस्यों को चुनने के लिए आगामी आम चुनाव अप्रैल और मई 2024 के बीच होने की उम्मीद है. 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त होने वाला है. कई अर्थशास्त्रियों के अनुसार, वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड प्रभावशाली दिखता है. उम्मीद है कि देश अगले तीन वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और निरंतर सुधारों के दम पर 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. दस साल पहले, मौजूदा बाजार मूल्यों पर $1.9 ट्रिलियन की जीडीपी के साथ, देश दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था.