मुंबई के एक कपल का दिल जीत लेने वाला कारनामा, शहीद मुरली नायक के लिए रद्द की विदेश यात्रा, परिवार को गिफ्ट किए 1.09 लाख रुपये
शहीद मुरली नायक
Martyr Murali Naik: भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर भले ही तनाव कम हो गया हो, लेकिन देश का दिल उन शहीदों के लिए रो रहा है, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर मातृभूमि की रक्षा की. इन जांबाजों में एक नाम है आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के छोटे से गांव कल्लीथांडा के मुरली नायक का. मुरली ने 9 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी. उनके गांव और परिवार का हर कोना शोक में डूबा है. लेकिन इस गमगीन माहौल में मुंबई के एक अनाम कपल ने ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसने न सिर्फ मुरली के परिवार को राहत दी, बल्कि पूरे देश के सामने एक मिसाल भी कायम की.
विदेश की सैर छोड़, शहीद के परिवार को दी सांत्वना
मुंबई में रहने वाले एक कपल ने एक ऐसा फैसला लिया, जो हर भारतीय को गर्व से सीना चौड़ा करने पर मजबूर कर दे. इस कपल ने अपनी बहुप्रतीक्षित विदेश यात्रा को रद्द कर दिया और उस ट्रिप के लिए जमा किए गए 1,09,001 रुपये की पूरी राशि शहीद मुरली नायक के परिवार को दान कर दी. इंस्टाग्राम अकाउंट ‘वीआरयुवा’ के जरिए सामने आई इस खबर ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं. कपल का कहना है, “हमारा यह छोटा सा कदम मुरली के परिवार को उनके बेटे की शहादत पर गर्व महसूस कराएगा.” लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात? इस कपल ने अपनी पहचान को गुप्त रखा, क्योंकि उनके लिए यह कोई दिखावा नहीं, बल्कि दिल से निकला एक सच्चा सम्मान है.
कौन थे मुरली नायक?
मुरली नायक का जन्म आंध्र प्रदेश के कल्लीथांडा गांव में हुआ था, लेकिन उनका बचपन मुंबई के कामराज नगर की तंग गलियों में बीता. उनका परिवार बेहद साधारण है. माता-पिता, श्रीराम नाइक और ज्योति बाई मजदूरी करके परिवार का पेट पालते थे. हाल ही में एक पुनर्विकास परियोजना के चलते उनका मुंबई वाला घर छिन गया, जिसके बाद परिवार को वापस आंध्र प्रदेश लौटना पड़ा. मुरली परिवार का एकमात्र सहारा थे. 2022 में अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में भर्ती होने के बाद मुरली ने अपने कंधों पर न सिर्फ परिवार, बल्कि देश की जिम्मेदारी भी उठाई. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.
9 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मुरली ने अपनी जान की आहुति दे दी. उनकी शहादत की खबर ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव को हिलाकर रख दिया.
गांव में गूंजा ‘अमर रहे’ का नारा
10 मई को जब मुरली का पार्थिव शरीर उनके गांव कल्लीथांडा पहुंचा, तो वहां का मंजर देख हर किसी की आंखें नम हो गईं. हजारों लोग अपने इस जांबाज को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़े. गांव का हर बच्चा, बूढ़ा और जवान मुरली को श्रद्धांजलि देना चाहता था. पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें 21 तोपों की सलामी दी गई. मुरली के पिता श्रीराम नाइक ने रोते हुए कहा, “मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया. अब हम अनाथ हो गए हैं.”
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आंध्र सरकार ने भी बढ़ाया सम्मान का हाथ
मुरली की शहादत को सम्मान देते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने उनके परिवार के लिए कई बड़े ऐलान किए. सरकार ने मुरली के माता-पिता को ₹50 लाख की आर्थिक सहायता, 5 एकड़ खेती की जमीन, 300 वर्ग गज का घर और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया. इतना ही नहीं, आंध्र के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने भी मुरली को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवार को अपनी ओर से 25 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की.
यह कहानी सिर्फ मुरली नायक या उस अनाम कपल की नहीं है. यह हर उस भारतीय की कहानी है, जो अपने देश के लिए कुछ करना चाहता है. यह कहानी हमें याद दिलाती है कि शहीदों के परिवार को सम्मान देना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है. मुंबई के इस कपल ने अपने छोटे से कदम से एक बड़ा संदेश दिया है कि देश के लिए कुछ करना है, तो दिल से करो, नाम की जरूरत नहीं.