NEET UG Hearing: ‘पेपर लीक व्यापक है इसके सबूत नहीं’, सुनवाई के दौरान बोले CJI, ट्रांसपोर्टेशन पर उठे सवाल

NEET UG Hearing: इस सुनवाई के दौरान सॉल्वर गैंग पर सीजेआई ने कहा कि अगर लीक 4 मई की रात को हुआ, तो जाहिर है कि लीक ट्रांसपोर्टेशन की प्रक्रिया में नहीं हुआ, बल्कि यह स्ट्रांग रूम वॉल्ट से हुआ.
Supreme Court EC

सुप्रीम कोर्ट (ANI)

NEET UG Hearing: नीट की परीक्षा दोबारा कराए जाने की मांग को लेकर दायर याचिकाओें पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई शुरू हो गई है. सीबीआई की रिपोर्ट और एनटीए के सेंटर वाइज रिजल्ट के बाद पीठ इस मामले पर फाइनल फैसला सुना सकती है. इस सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आरोपियों के बयानों से संकेत मिलता है कि छात्र 4 मई की शाम को याद करने के लिए एकत्र हुए थे और इसका मतलब है कि नीट-यूजी 2024 का लीक 4 मई से पहले हुआ था. आगे उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी तक ऐसा कोई मैटेरियल नहीं है जो दिखाए कि लीक इतना व्यापक था और पूरे देश में फैला था.

मैं लीक का मैकेनिज्म दिखा रहा हूं- हुड्डा

इस पर याचिकाकर्ताओं-छात्रों के वकील की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि मैं लीक का मैकेनिज्म दिखा रहा हूं. हुड्डा ने आगे सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार पुलिस की जांच के बयानों में कहा गया है कि लीक 4 मई को हुआ था और संबंधित बैंकों में प्रश्नपत्र जमा करने से पहले हुआ था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ई-रिक्शा द्वारा प्रश्नपत्र ले जाना एक स्थापित तथ्य है, लेकिन छोटी सी बात यह है कि जो तस्वीर वितरित की गई थी वह प्रश्नपत्र की नहीं बल्कि ओएमआर शीट की थी. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आरोपियों के बयान पढ़े.

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एसजी ने क्या दलील दी?

इस सुनवाई के दौरान सॉल्वर गैंग पर सीजेआई ने कहा कि अगर लीक 4 मई की रात को हुआ, तो जाहिर है कि लीक ट्रांसपोर्टेशन की प्रक्रिया में नहीं हुआ, बल्कि यह स्ट्रांग रूम वॉल्ट से हुआ. उन्होंने कहा कि पेपर सॉल्वर सारे मेडिकल छात्र ही हैं. उनमें से कोई भी प्रोफेसर नहीं है. इस पर एसजी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि इस काम के लिए छात्र किताबों और सभी के साथ बेहतर तरीके से तैयार होते हैं. फिर, सीजेआई ने फिर सवाल किया कि कुछ एम्स पटना से हैं, कुछ रांची से और राजस्थान से हैं, राजस्थान कैसे? इस पर एसजी ने कहा कि इसकी जांच चल रही है.

एनटीए ने बैंकों की गलती बताई

NTA की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील ने कहा कि झज्जर नया केंद्र था, शायद सिटी कोऑर्डिनेटर ने मैसेज नहीं देखा होगा. इसलिए यह दोनों जगहों से उठा लिया गया. इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या बैंकों को इस बारे में नहीं बताया गया था कि आपको रिलीज नहीं करना है? तब एसजी ने कहा कि बैंकों को मैसेज दिया जाता है. फिर सीजेआई ने पूछा कि झज्जर में केंद्र प्रभारी कैनरा बैंक कैसे गए?

इस पर एनटीए की तरफ से कहा गया कि कॉर्डिनेटर और बैंक की गलती थी. NTA ने बताया कि 8 केंद्रों पर कैनरा बैंक के पेपर की गलत पुस्तिका वितरित की गई थी. NTA के वकील ने कोर्ट से कहा कि SBI और कैनरा बैंक के दोनों सेट के पेपर का कठिनाई स्तर समान है.

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