NEET UG Re-Exam: ग्रेस मार्क्स पाने वाले 48 फीसदी छात्रों ने नहीं दी दोबारा परीक्षा, 1563 में से इतने ही हुए शामिल
NEET UG Re-Exam: नीट-यूजी परीक्षा (NEET-UG Exam) में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,563 अभ्यर्थियों में से 750 ने रविवार को दोबारा परीक्षा नहीं दी. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) ने रविवार को एक बयान में यह जानकारी दी है. बताया गया है कि नीट-यूजी में ग्रेस अंक पाने वाले 1,563 उम्मीदवारों में से कम से कम 750 ने रविवार को दोबारा परीक्षा नहीं दी. इस बीच, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा और मेघालय के केंद्रों पर हुई दोबारा परीक्षा में 813 उम्मीदवार शामिल हुए.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, सात केंद्रों पर दोबारा परीक्षा आयोजित की गई. 5 मई को देर से शुरू हुई परीक्षा के कारण 6 सेंटर पर परीक्षा देने वाले छात्रों के ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. हालांकि, बाद ने एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गलती भी स्वीकार कर ली.
बिहार में 17 छात्रों को परीक्षा देने से रोका गया
एनटीए ने रविवार को बिहार के केंद्रों पर 5 मई को परीक्षा देने वाले 17 उम्मीदवारों को परीक्षा से रोक दिया. एजेंसी ने पहले 63 उम्मीदवारों को परीक्षा में अनुचित तरीके अपनाने के लिए रोक दिया था. शनिवार को गुजरात के गोधरा से 30 अतिरिक्त अभ्यर्थियों को भी परीक्षा से वंचित कर दिया गया.
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सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर
केंद्र द्वारा नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने के एक दिन बाद केंद्रीय एजेंसी ने मामले में एफआईआर दर्ज की. शिक्षा मंत्रालय की शिकायत के बाद सीबीआई ने नीट परीक्षा पेपर लीक मामले में नियमित मामला दर्ज किया. सीबीआई ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120बी (षड्यंत्र) के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने अलग से मामला दर्ज किया है. वहीं बिहार और गुजरात के मामलों को अभी अपने हाथ में नहीं लिया है. दोनों राज्यों की पुलिस फिलहाल अपने स्तर पर जांच और गिरफ्तारियां कर रही है. सूत्रों ने बताया कि जब सीबीआई को आगे जांच करने की जरूरत होगी तो बिहार और गुजरात पुलिस से संपर्क किया जाएगा. मामले की जांच के लिए सीबीआई ने विशेष टीमों का गठन किया है. विशेष सीबीआई टीमों को पटना और गोधरा भेजा जा रहा है, जहां स्थानीय पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं.
नीट-यूजी विवाद क्या है?
नीट-यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और इसके परिणाम 14 जून की निर्धारित घोषणा तिथि से पहले 4 जून को घोषित किए गए थे. अनियमितताओं और पेपर लीक का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किए गए. दरअसल, परिणामों से पता चला कि 720 के पूर्ण स्कोर के साथ 67 छात्रों ने परीक्षा में टॉप किया था. छात्रों ने फिर से परीक्षा की मांग करते हुए अदालतों में याचिकाएं दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने 1,500 से अधिक छात्रों को दोबारा परीक्षा देने की अनुमति दी, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. हालांकि, छात्रों का एक धड़ा अब फिर से परीक्षा देने से इनकार कर रहा है. उनका कहना है कि कड़ी मेहनत से हमले सफलता हासिल की है. हम दोबारा से परीक्षा नहीं देंगे.