दो बार हुई अनाउंसमेंट, पूरी तरह से ब्लॉक थे रास्ते… NDLS भगदड़ पर RPF की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बाद की तस्वीर
New Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात घटी दर्दनाक भगदड़ की घटना पर अब रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने अपनी रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कई अहम खुलासे हुए हैं. RPF की रिपोर्ट के अनुसार, यह भगदड़ रात 8:48 बजे हुई, जब प्लेटफार्म नंबर 12, 13, 14, 15, और 16 की तरफ जाने वाले रास्ते पूरी तरह से जाम हो गए थे. इस दौरान भारी भीड़ और असमंजस की स्थिति के चलते अफरा-तफरी मच गई.
क्या था कारण?
रिपोर्ट में बताया गया कि शनिवार रात 8 बजे शिवगंगा एक्सप्रेस के प्लेटफार्म नंबर 12 से रवाना होने के बाद, यात्रियों की भीड़ अचानक बढ़ गई, जिसके कारण प्लेटफार्म पर चलने वाले रास्ते जाम हो गए. RPF के इंस्पेक्टर ने स्टेशन डायरेक्टर को स्पेशल ट्रेन को जल्दी चलाने का सुझाव दिया था और टिकटों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया था, क्योंकि हर घंटे में 1500 टिकट बेचे जा रहे थे.
लेकिन अचानक की गई अनाउंसमेंट ने हालात और बिगाड़ दिए. स्टेशन पर अनाउंसमेंट हुई कि कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 12 से जाएगी, और कुछ समय बाद दूसरा अनाउंसमेंट हुआ कि यह ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 16 से जाएगी. इसके बाद यात्री दूसरे प्लेटफॉर्म की ओर भागने लगे.
भगदड़ की वजह क्या थी?
RPF की रिपोर्ट के अनुसार, प्लेटफार्म नंबर 12-13 और 14-15 के यात्रियों ने सीढ़ियों के रास्ते फूट ओवर ब्रिज 2 और 3 पर चढ़ने की कोशिश की, जबकि दूसरी ट्रेन के यात्री सीढ़ियों से उतर रहे थे. इस संकरे रास्ते में यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई, जिसके परिणामस्वरूप कुछ यात्री गिर गए और भगदड़ मच गई. यह हादसा रात 8:48 बजे हुआ था, और अफरा-तफरी के बीच कई लोग घायल हो गए, जबकि 18 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई.
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गंभीर स्थिति और देरी
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि भगदड़ के बाद स्थिति नियंत्रण करने में करीब 40 मिनट का समय लगा. आधिकारिक सूचना देने में भी देरी हुई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई. दिल्ली फायर सर्विस ने बताया कि उन्हें दिल्ली पुलिस से रात 9:55 बजे इस घटना की जानकारी मिली, जबकि रेलवे ने इसे रात 9:15 बजे घटित बताया. इस देरी पर भी सवाल उठ रहे हैं.
भगदड़ में मारे गए लोग
मृतकों में 9 महिलाएं, 4 पुरुष और 5 बच्चे शामिल हैं, जो बिहार, दिल्ली और हरियाणा के रहने वाले थे. यह घटना दिल्ली के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन पर हुई, जिसने रेलवे प्रशासन के लिए गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.