लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश की एक और ‘पलटी’, 9वीं बार संभाल रहे बिहार की कमान, पढ़ें पूरी टाइमलाइन

Bihar Politics: पिछले 23 वर्षों से नीतीश कुमार ने 8 बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और कई बार पलटी मारी है.
नीतीश कुमार

नीतीश कुमार

Bihar Politics: नीतीश कुमार के राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. अब उन्होंने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार बनाने की ठानी है. नीतीश ने शाम 5: 30 बजे 9वीं बार सीएम पद की शपथ ली. पिछले 23 वर्षों से नीतीश कुमार ने 9 बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और कई बार पलटी मारी है. इतना ही नहीं नीतीश ने हर बार भाजपा और राजद दोनों के साथ गठबंधन बनाकर अपनी राजनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया है. आइये जानते हैं कि नीतीश कब-कब बने बिहार के मुख्यमंत्री?

2000 पहला कार्यकाल: नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने

साल 2000 में, केंद्र में वाजपेयी सरकार के आदेश पर नीतीश कुमार ने पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री की भूमिका निभाई. हालांकि, उनकी सरकार के अल्पमत में आने के एक सप्ताह के भीतर ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

2005-2010: नीतीश कुमार (दूसरा कार्यकाल)

2005 में नीतीश कुमार फिर से भाजपा के समर्थन से चुने गए. उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. इस अवधि के दौरान, उन्होंने कई जन-उन्मुख नीतियां लागू कीं, जिससे उन्हें बिहार में ‘सुशासन बाबू’ उपनाम मिला. उनके शासन का फल 2010 के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट हुआ, जहां उनकी पार्टी जेडी-यू ने 141 सीटों पर चुनाव लड़ा, और 115 में विजयी रही.

2010:  पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से नाराज नीतीश कुमार

हालांकि, भाजपा के साथ नीतीश कुमार का गठबंधन तब बिगड़ गया जब बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया. समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के लोकसभा चुनाव में कुमार की पार्टी ने खराब प्रदर्शन किया और उन्होंने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने 2014 में जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद की पेशकश की लेकिन उन्हें 9 महीने के भीतर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया और चौथी बार मुख्यमंत्री बने.

2015 विधानसभा चुनाव: नीतीश ने आरजेडी, कांग्रेस से मिलाया हाथ

2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने राजद और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से हाथ मिलाया और बीजेपी को हरा दिया. राष्ट्रीय जनता दल ने 80 सीटें जीतीं जबकि जदयू को केवल 69 सीटें मिलीं. फिर भी, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार को सीएम पद की पेशकश की और उन्होंने 5वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

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2017: नीतीश कुमार ने आरजेडी से गठबंधन तोड़ा

रिपोर्ट के अनुसार, नीतीश कुमार ने 2017 में राजद के साथ गठबंधन तोड़ दिया था. लालू के बेटे तेजस्वी यादव पर आईआरसीटीसी जमीन के बदले नौकरी मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था और नीतीश कुमार ने बीजेपी की मदद से सरकार बनाई थी. उस वक्त बिहार विधानसभा में बीजेपी के पास सिर्फ 59 सीटें थीं. नीतीश कुमार ने छठी बार सीएम पद की शपथ ली.

2020 विधानसभा चुनाव

नीतीश कुमार ने 2020 का विधानसभा चुनाव एनडीए की छत्रछाया में भाजपा, हम और वीआईपी के साथ गठबंधन सहयोगियों के रूप में लड़ा. उनकी पार्टी का प्रदर्शन ख़राब रहा और उसे महज़ 43 सीटें मिलीं. हालांकि, नीतीश कुमार की राजनीति का कोई काट नहीं है. बीजेपी ने एक बार फिर उन्हें सीएम पद ऑफर किया. इस तरह नीतीश 7वीं बार सीएम बने.

2022: बीजेपी के साथ गठबंधन पर रोक

अगस्त 2022 में नीतीश ने एक बार फिर पलटी मारते हुए भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ दिया और राजद के साथ सरकार बनाई. उन्होंने 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उस वक्त नीतीश कुमार ने अपनी राहें अलग होने के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था क्योंकि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्षेत्रीय पार्टियों को उखाड़ फेंकने का बयान दिया था.

2024: बीजेपी के साथ सरकार बनाने को तैयार

अब एक बार फिर से साल 2024 में नीतीश ने महागठबंधन से राह अलग कर लिया है. एक बार फिर से नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है.

 

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