हाजी मस्तान से दाऊद तक, फिर दो दशकों की खामोशी…अब लॉरेंस बिश्नोई के जरिए मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हुआ अंडरवर्ल्ड का नया ‘राज’!

हाजी मस्तान का नाम अंडरवर्ल्ड के पहले डॉन के रूप में लिया जाता है. 1950 से 1970 के दशक तक मुंबई में सक्रिय रहा. उसका प्रभाव इतना था कि कई बड़े फिल्म निर्माता और अभिनेता उसके करीबी मित्र बन गए. मस्तान ने अंडरवर्ल्ड के व्यवसाय को एक नया मोड़ दिया और इसे एक बड़े स्तर पर स्थापित किया. उनके बाद करीम लाला का नाम आया, जो पठान गैंग का प्रमुख था.
Underworld Activities Lawrence Bishnoi

लॉरेंस बिश्नोई, हाजी मस्तान और दाऊद

Underworld Activities Lawrence Bishnoi: भारत का आर्थिक केंद्र मुंबई हमेशा से अंडरवर्ल्ड गतिविधियों का गढ़ रहा है. 1980 और 1990 के दशक में दाऊद इब्राहिम और उसकी ‘डी कंपनी’ के आतंक ने इस शहर को एक अलग पहचान दी. उस समय, हाजी मस्तान, करीम लाला जैसे डॉन भी अपनी क्रूरता और प्रभाव के लिए जाने जाते थे. इस दौर में हुए कई घटनाक्रमों ने न केवल मुंबई, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.

अंडरवर्ल्ड का प्रभाव

हाजी मस्तान का नाम अंडरवर्ल्ड के पहले डॉन के रूप में लिया जाता है. 1950 से 1970 के दशक तक मुंबई में सक्रिय रहा. उसका प्रभाव इतना था कि कई बड़े फिल्म निर्माता और अभिनेता उसके करीबी मित्र बन गए. मस्तान ने अंडरवर्ल्ड के व्यवसाय को एक नया मोड़ दिया और इसे एक बड़े स्तर पर स्थापित किया. उनके बाद करीम लाला का नाम आया, जो पठान गैंग का प्रमुख था.

फिर आया दाऊद इब्राहिम का समय. 1970 के दशक में दाऊद ने अपने नेटवर्क का विस्तार किया और मुंबई में हफ्ता वसूली, ड्रग्स और तस्करी का कारोबार शुरू किया. उसकी ‘डी कंपनी’ ने 1993 के बम धमाकों के बाद आतंकवादी गतिविधियों में भी हाथ डाल दिया.

लॉरेंस बिश्नोई का उदय

लॉरेंस बिश्नोई का नाम अब अंडरवर्ल्ड में तेजी से उभर रहा है. बिश्नोई का जन्म 1993 में पंजाब के फिरोजपुर में हुआ था. उसने अपनी पहचान एक छात्र नेता के रूप में बनाई, लेकिन जल्दी ही अपराध की दुनिया में कदम रखा. उसने हत्या, रंगदारी, और तस्करी जैसे अपराधों में भागीदारी की. बिश्नोई ने अपने गैंग को पंजाब और हरियाणा के क्षेत्र में स्थापित किया. उसके गुर्गों में गोल्डी बराड़, संपत नेहरा, और अनमोल बिश्नोई शामिल हैं, जो अब विदेश में रहते हैं और भारतीय अंडरवर्ल्ड गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं.

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मुंबई में बिश्नोई गैंग की दस्तक

हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने मुंबई में अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है. इसका सबसे बड़ा प्रमाण था 12 अक्टूबर 2024 को हुआ बाबा सिद्दीकी की हत्या. सिद्दीकी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (NCP) के नेता और बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान के करीबी मित्र थे. उनकी हत्या ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया.

बाबा सिद्दीकी जब अपने कार्यालय से बाहर निकल रहे थे, तब तीन शूटरों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की. इस गोलीबारी में उन्हें कई गोलियां लगीं और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई. यह घटना न केवल सिद्दीकी के परिवार के लिए एक बड़ा आघात थी, बल्कि यह पूरी मुंबई के लिए एक चेतावनी भी थी कि अंडरवर्ल्ड एक बार फिर सक्रिय हो गया है.

जेल से ही गैंग ऑपरेट कर रहा है बिश्नोई

लॉरेंस बिश्नोई ने जेल से ही अपने गैंग को प्रभावी रूप से ऑपरेट करना जारी रखा है. वह अपने गुर्गों के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करता है. बिश्नोई ने अपने गैंग के सदस्यों को हाई प्रोफ़ाइल लक्ष्यों को चुनने का टारगेट दे रखा है, जिनमें बॉलीवुड के अभिनेता और राजनीतिक नेता शामिल हैं. बिश्नोई की रणनीतियों में उसकी चतुराई भी शामिल है. वह अपने दुश्मनों के खिलाफ सुपारी किलिंग का सहारा लेता है, जिससे वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को खत्म कर देता है. इससे उसे अपने गैंग का वर्चस्व बनाए रखने में मदद मिलती है.

पुलिस और प्रशासन की चुनौतियां

बाबा सिद्दीकी की हत्या ने पुलिस और प्रशासन को एक नई चुनौती दी है. पुलिस ने इस घटना के बाद कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, लेकिन अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं. लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नेटवर्क इतना व्यापक है कि इसे तोड़ना आसान नहीं होगा. पुलिस ने हाल ही में बिश्नोई गैंग के खिलाफ कई छापे मारे हैं और कई गुर्गों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा, पुलिस ने यह भी घोषणा की है कि वे इस गैंग के अन्य सदस्यों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करेंगे.

अंडरवर्ल्ड का नया दौर

बाबा सिद्दीकी की हत्या और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के उभार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुंबई में अंडरवर्ल्ड की कहानी खत्म नहीं हुई है. पिछले दो दशकों से शहर में अपेक्षाकृत शांति थी, लेकिन अब वह फिर से अंडरवर्ल्ड की दहशत का सामना कर रहा है. बाबा सिद्दीकी की हत्या ने बॉलीवुड के सितारों को भी चिंतित कर दिया है. कई सितारों ने सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा की है और अंडरवर्ल्ड के खिलाफ आवाज उठाई है. इस घटना के बाद, फिल्म उद्योग के कई बड़े नामों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है. इस घटना ने आम जनता के बीच भी भय का माहौल पैदा कर दिया है. लोग सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि क्या मुंबई एक बार फिर से अंडरवर्ल्ड के आतंक के शिकंजे में आ रहा है.

क्या प्रशासन तैयार है?

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का उभार और बाबा सिद्दीकी की हत्या ने यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या प्रशासन इस नए खतरे से निपटने के लिए तैयार है? मुंबई पुलिस ने हाल ही में यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि वे अंडरवर्ल्ड के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे, लेकिन क्या यह वादे सिर्फ कागज़ों तक सीमित रहेंगे?

उत्तर भारत में गैंगस्टरों का नेटवर्क

उत्तर भारत में गैंगस्टरों का नेटवर्क एक बार फिर से सुर्खियों में है, खासकर जब से कई गैंगस्टर जेल के भीतर से अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं. ये गैंग न केवल कानून को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि समाज में डर और आतंक का माहौल भी बना रहे हैं. हाल ही में कई हाई-प्रोफाइल गैंग्स का नाम सामने आया है, जो अपनी आपराधिक गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं.

संदीप उर्फ काला जठेड़ी गैंग

दिल्ली के चर्चित सागर धनखड़ हत्याकांड के बाद काला जठेड़ी गैंग का नाम काफी चर्चित हुआ. हरियाणा के सोनीपत निवासी संदीप काला इस गैंग का सरगना है. संदीप ने जेल से रहकर भी अपना गैंग संचालित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. काला के खिलाफ 200 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट और रंगदारी शामिल हैं. हाल ही में उसके और लॉरेंस बिश्नोई के बीच की जुगलबंदी ने गैंगस्टर जगत में हलचल मचा दी है.

नीरज बवाना गैंग

नीरज बवाना, जिसे नीरज सहरावत के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली के बवाना गांव का रहने वाला है. वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद है, लेकिन जेल में रहकर ही अपने गैंग का संचालन कर रहा है. नीरज पर हत्या और लूट जैसे गंभीर मामलों के आरोप हैं. उसके गुर्गे न केवल सरेआम खून बहाने से नहीं डरते, बल्कि दुश्मन गैंग के लोगों को मारने में भी कोई संकोच नहीं करते.

जितेंद्र मान उर्फ गोगी गैंग

गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी ने जेल में रहते हुए दुबई के एक कारोबारी से 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी. हाल ही में उसे रोहिणी कोर्ट में टिल्लू ताजपुरिया के गुर्गों ने गोलियों से भून दिया. गोगी और टिल्लू के बीच की रंजिश कालेज के दिनों से चली आ रही थी, जो अब खूनी संघर्ष में बदल गई है. गोगी की गिरफ्तारी के बाद, उसके साथी दीपक तीतर और दिनेश कराला अब जेल के अंदर से गैंग संचालित कर रहे हैं.

हाशिम बाबा गैंग

हाशिम बाबा, जिसका असली नाम आसिम है, दिल्ली के यमुनापार में गैंबलिंग का धंधा करता था. बाद में उसने नासिर गैंग में शामिल होकर रंगदारी और धमकी देने के कार्यों में अपनी पहचान बनाई. हाशिम पर दिल्ली पुलिस ने 5 लाख रुपये का इनाम रखा था, और हाल ही में एक एनकाउंटर के बाद उसे गिरफ्तार किया गया.

पुलिस की चुनौतियां

इन गैंग्स के संचालन से न केवल कानून-व्यवस्था पर संकट है, बल्कि समाज में डर और आतंक का माहौल भी बन रहा है. पुलिस ने इन गैंग्स को खत्म करने के लिए कई रणनीतियाँ अपनाई हैं, लेकिन इनका नेटवर्क इतना मजबूत है कि इन्हें खत्म करना एक बड़ी चुनौती बन गया है.

उत्तर भारत के गैंगस्टरों का यह नेटवर्क एक गंभीर चिंता का विषय है. काला, बवाना, गोगी, और हाशिम जैसे गैंग्स ने न केवल आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है, बल्कि समाज में भय का वातावरण भी बनाया है. वहीं मुंबई का अंडरवर्ल्ड एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. हालांकि, इसका केंद्र धीरे-धीरे दिल्ली बनता जा रहा है. अंडरवर्ल्ड का यह नया अध्याय एक बार फिर से यह साबित करता है कि अगर समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो मुंबई की रातों की नींद और भी उड़ी हुई रह जाएगी. क्या यह शहर फिर से उस अंधकारमय दौर में लौट जाएगा? यह तो समय ही बताएगा.

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