Oath Ceremony: दिग्गज राजनीतिज्ञ के बेटे और अभिनेता… जानें कौन हैं Modi Cabinet में पहली बार जगह बनाने वाले चिराग पासवान
PM Modi Oath Ceremony: देश में तीसरी बार नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. रविवार, 9 जून की शाम 7.15 बजे शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नरेंद्र मोदी समेत और उनके कैबिनेट के साथियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता राजनाथ सिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में 30 मंत्रियों ने शपथ ली. इसमें बिहार से 4 मंत्री HAM संरक्षक जीतनराम मांझी, JDU सांसद ललन सिंह, BJP सांसद गिरिराज सिंह और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) चीफ चिराग पासवान(Chirag Paswan) शामिल हैं.
5 सीटों पर जीत दर्ज की है LJP-R ने
नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में चिराग पासवान(Chirag Paswan) को भी शामिल किया गया. चिराग पासवान जाने माने राजनीतिज्ञ स्वर्गीय रामविलास पासवान के बेटे हैं. LJPR चीफ चिराग पासवान अब तक तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं. इस बार वह अपने पिता की सीट हाजीपुर की सीट से चुनाव जीते हैं. इससे पहले पहले वह जमुई से लोकसभा चुनाव जीतते आए हैं, लेकिन आजतक मंत्री नहीं बन पाए थे. बता दें कि, लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में उनकी पार्टी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. उनकी पार्टी ने अपनी सभी 5 सीटों पर जीत दर्ज की है. चुनाव जीतने के साथ ही LJPR चीफ चिराग पासवान ने भारतीय जनता पार्टी को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया था.
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बॉलीवुड में अभिनेता रह चुके हैं चिराग
बता दें कि, चिराग(Chirag Paswan) राजनीति में आने से पहले बॉलीवुड में अभिनेता थे और साल 2011 में कंगना रनौत के साथ ‘मिले ना मिले हम’ में अभिनय किया था. उनका जन्म 31 अक्टूबर 1982 को दिल्ली में हुआ था और इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की है. चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान ने 11 बार लोकसभा चुनाव लड़ा और 9 बार जीते और देश के 6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया था. इसके साथ ही वह 5 बार केंद्र में मंत्री बने और 3 प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में मंत्रालय संभाला. रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद 14 जून 2021 को उनके भाई पशुपति पारस ने खुद को LJP का नेता घोषित कर लिया. इसके अगले दिन चिराग ने चाचा पशुपति पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज सहित 5 बागी सांसदों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर निष्कासित कर दिया. फिर पार्टी दो भागों में टूट गई.