Teesta River Project: चीन को बड़ा झटका, तीस्ता नदी परियोजना के लिए बांग्लादेश ने भारत पर जताया भरोसा, PM मोदी-शेख हसीना ने किया ऐलान

Teesta River Project: शुक्रवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत दौरे पर पहुंची थी. इसी दौरान शनिवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के समय तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन में बांग्लादेश की सहायता का ऐलान किया गया.
Teesta River Project, PM Sheikh Hasina and PM Modi

तीस्ता नदी परियोजना के लिए बांग्लादेश ने भारत पर जताया भरोसा

Teesta River Project: भारत ने तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन में बांग्लादेश की सहायता करने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की है. भारत के लिए सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत है. इस परियोजना को अपने हिस्से में लेने बाद भारत को चीन पर प्रभावी रूप से बढ़त हासिल हुई है. बता दें कि, शुक्रवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत दौरे पर पहुंची थी. इसी दौरान शनिवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के समय तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन में बांग्लादेश की सहायता का ऐलान किया गया. इसे भारत के विकास सहयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है.

पश्चिम बंगाल से होकर ब्रह्मपुत्र में मिल जाती है तीस्ता नदी

शनिवार को नई दिल्ली में हैदराबाद हाउस में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ खड़े पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश में तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन पर चर्चा करने के लिए एक तकनीकी टीम जल्द ही बांग्लादेश का दौरा करेगी. बता दें कि, तीस्ता नदी उत्तरी सिक्किम में तीस्ता खांगसे ग्लेशियर से शुरू होती है. सिक्किम को पार करने के बाद यह नदी बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले यह नदी भारत के पश्चिम बंगाल से होकर ब्रह्मपुत्र में मिल जाती है. यह सिंचाई, जलविद्युत उत्पादन के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. गौरतलब है कि, तीस्ता परियोजना को लेकर चीन भी अपनी नजरें गड़ाए हुए था. पिछले साल दिसंबर में चीन ने सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकार किया था.

पिछले साल दिसंबर में चीन के राजदूत ने दिखाई थी दिलचस्पी

पिछले साल दिसंबर में बांग्लादेश पहुंचे चीन के राजदूत ने तीस्ता नदी के प्रबंधन और पुनरुद्धार परियोजना पर को लेकर अपनी इच्छा जाहिर की थी. जल संसाधनों पर अपनी धाक जमाने के लिए चीन ने यह चाल चली थी. चीन के इस कदम ने भारत के लिए रणनीतिक सुरक्षा चिंताएं पैदा कर दी थी. अब भारत ने कूटनीतिक जीत हासिल कर ली है. वहीं विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि तीस्ता जल पुनरुद्धार परियोजना पर विचार करने के लिए एक तकनीकी टीम गठित की गई है. यह दोनों देशों के बीच साझा जल संसाधनों के प्रबंधन एक बहुत ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामला है. दोनों ही देश इसे साझा संसाधनों के सामान्य प्रबंधन के सिद्धांत से देखते हैं. दोनों देशों के पास संयुक्त नदी आयोग है और इस विषय पर चर्चा हो चुकी है.

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गंगा जल बंटवारा संधि के नवीनीकरण के लिए समिति का गठन

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने आगे बताया कि भारत और बांग्लादेश 54 नदियों को साझा करते हैं. इसके साथ ही दोनों देशों ने साल 1996 के गंगा जल बंटवारा संधि के नवीनीकरण के लिए चर्चा शुरू करने के लिए एक संयुक्त तकनीकी समिति के गठन की भी घोषणा की. बता दें कि बांग्लादेश के साथ ही कई अन्य देशो में अपनी परियोजनाओं को लेकर काम कर रहा है. इसी क्रम में श्रीलंका में रानिल विक्रमसिंघे के साथ भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने समुद्री बचाव समन्वय केंद्र(MRCC) का उद्घाटन किया. इस परियोजना की स्थापना भारत से मिले 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि से की गई है. यह देश को क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और संरक्षा बढ़ाने में मदद करता है.

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