BJP ने दिल्ली से ही साध लिए यूपी और बिहार… समझिए Pankaj Kumar Singh को मंत्री बनाने के मायने
पंकज कुमार सिंह
Pankaj Kumar Singh: दिल्ली की राजनीति ने एक नई करवट ले ली है. रामलीला मैदान में रेखा गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, और साथ ही छह अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपनी ज़िम्मेदारी संभाली. इस बार दिल्ली कैबिनेट में एक नया चेहरा सामने आया है, और वो हैं विकासपुरी से विधायक पंकज कुमार सिंह. हालांकि, जब से पंकज सिंह का नाम सामने आया है तब से यह सवाल उभरने लगा है कि आखिर पार्टी ने उन्हें क्यों चुना? दिल्ली में पूर्वांचली वोटरों की अहम भूमिका है, और बीजेपी के इस कदम को एक रणनीतिक निर्णय के रूप में देखा जा रहा है. पंकज कुमार सिंह, बिहार के बक्सर जिले से हैं और राजपूत समाज से आते हैं.
इस बार उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उन्होंने आम आदमी पार्टी के महेंद्र यादव को हराया था.
पूर्वांचली वोट बैंक की सशक्त पहचान
दिल्ली में पूर्वांचल (पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार) के लोगों की आबादी काफी ज्यादा है. दिल्ली के राजनीतिक समीकरण में पूर्वांचली एक निर्णायक शक्ति बन चुकी है. 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूर्वांचली समुदाय ने आप को अपना समर्थन दिया था, लेकिन 2025 में यह समुदाय एक बार फिर से बीजेपी के लिए चुनौती बन गया था. दिल्ली में 70 सीटें हैं, जिनमें से कई सीटों पर पूर्वांचल वोटरों की संख्या निर्णायक है.
पूर्वांचल के वोटरों की इस बढ़ती ताकत को देखते हुए बीजेपी ने पंकज कुमार सिंह जैसे चेहरे को मंत्री पद देने का फैसला किया. पंकज सिंह का चुनावी क्षेत्र विकासपुरी भी एक ऐसा क्षेत्र है, जहां पूर्वांचली वोटर्स की बड़ी संख्या है. उनके पास एक मजबूत सामाजिक आधार है, और उनका राजपूत समाज से ताल्लुक होना भी पार्टी के लिए एक बड़ा सहारा हो सकता है, क्योंकि यह समाज दिल्ली में भी एक प्रभावशाली वोट बैंक के रूप में माना जाता है.
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बीजेपी की रणनीति
पंकज सिंह को मंत्रिपद देना एक बड़ी चुनावी रणनीति का हिस्सा है. पूर्वांचली वोट बैंक को साधने के लिए बीजेपी ने पंकज कुमार सिंह जैसे स्थानीय और समर्पित नेताओं को प्राथमिकता दी है. पंकज कुमार सिंह के चुनावी अभियान ने यह साफ कर दिया कि बीजेपी इस समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. पंकज के नेतृत्व में पार्टी ने विकासपुरी में आम आदमी पार्टी के महेंद्र यादव को हराकर पूर्वांचल समुदाय में अपनी स्थिति और मजबूत की.
बिहार और यूपी में होना है विधानसभा चुनाव
इतना ही नहीं, इसी साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. दिल्ली में पूर्वांचली लोगों ने बीजेपी का साथ दिया है, इसलिए पार्टी ने मंत्रिमंडल में पूर्वांचली की हिस्सेदारी तय की है, जिसका बिहार की राजनीति में भी असर होने वाला है. इतना ही नहीं, साल 2027 में यूपी में भी विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में पार्टी ने पंकज सिंह को आगे करके पूर्वी उत्तर प्रदेश को भी साधने की कोशिश की है.
वर्तमान राजनीति में, किसी भी राज्य या नगर निगम में सत्ता की कुंजी उसी पार्टी के हाथ में होती है, जो समाज के विभिन्न वर्गों को अपनी ओर आकर्षित कर सके. बीजेपी की यह कोशिश भी इसी दिशा में की गई है. पंकज कुमार सिंह का मंत्री बनना दिल्ली के पूर्वांचली समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि अब उन्हें अपनी समस्याओं और मांगों को सरकार के स्तर पर सुनवाने का एक मजबूत मंच मिल चुका है.