निशिकांत दुबे के बंगाल को लेकर दिए बयान पर संसद में बवाल, लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

Parliament Monsoon Session: आज भी संसद में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला. एमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के मुर्शिदाबाद और मालदा जिले को लेकर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई.
Parliament Monsoon Session

बीजेपी सांसद निशिंकांत दुबे

Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र का आज पांचवां दिन है. कल यानी गुरुवार को बजट पर चर्चा के दौरान दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा हुआ था. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी नेताओं ने वॉकआउट भी किया. लोकसभा में पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और बीजेपी नेता रवनीत सिंह बिट्टू में जबदस्त बहस देखने को मिली. सदन में दोनों नेता एक दूसरे के आमने-सामने आ गए थे. वहीं, आज भी संसद में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के मुर्शिदाबाद और मालदा जिले को लेकर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई.

टीएमसी सांसद ने कहा कि यहां पर एक सांसद कहते हैं बंगाल के कुछ जिलों को अलग कर केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाए. इस पर स्पीकर ने कहा कि उन्होंने अपनी बात अपने विशेषाधिकार में रखी है. इसके बाद विपक्षी सांसदों ने काफी ज्यादा हंगामा किया. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था, “मैं मांग करता हूं कि मालदा, मुर्शिदाबाद, अररिया, किशनगंज, कटिहार और संथाल परगना क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाए, अन्यथा हिंदू यहां से गायब हो जाएंगे.”

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“अगर ये बात गलत है तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं”

सदन में बोलते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि पाकुड़ विधानसभा में अभी दंगा हुआ, क्योंकि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने वहां आकर हिंदुओं को भगाने का काम किया. इसकी वजह से गांव के गांव खाली हुए हैं. अगर ये बात गलत है तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं. मुर्शिदाबाद और मालदा से आए लोगों ने हिंदुओं के ऊपर जुल्म किया. झारखंड की पुलिस कोई काम नहीं कर पा रही है. झारखंड हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि भारत में मुस्लिमों की आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. इसलिए सरकार को वहां हस्तक्षेप करना चाहिए. मेरा आग्रह है कि मुर्शिदाबाद, अररिया, किशनगंज, मालदा और संथाल परगना को केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाए. यहां एनआरसी लागू किया जाए.

“झारखंड में बढ़ी रही है बांग्लादेशियों की घुसपैठ”

निशिकांत दुबे ने कहा कि इस बारे में कभी सदन में चर्चा नहीं होती है. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की सरकार ने भी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया है. अब राज्य में बांग्लादेशियों की घुसपैठ बढ़ रही है. वो आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं. ये हिंदू और मुस्लिम की बात नहीं है. हमारे यहां जो महिला आदिवासी कोटे से लोकसभा चुनाव लड़ती हैं उनके पति मुस्लिम हैं. हर पांच साल में 15 से 17 फीसदी विधानसभा में बढ़ती है. मैं जिस सीट से जीतकर आया हूं, उसकी एक विधानसभा मधेपुर में 267 बूथों पर मुस्लिमों की आबादी 117 फीसदी बढ़ गई. झारखंड में 25 विधानसभा ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 110 फीसदी आबादी बढ़ी है.

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