लोग इसे 'अश्लीलता की हद' और 'संस्कृति पर हमला' बता रहे हैं. एक्स पर यूजर्स ने जमकर भड़ास निकाली और सूचना-प्रसारण मंत्रालय से लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव तक को टैग कर शो पर बैन की मांग की.
1996 में भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा जल बंटवारे की संधि हुई थी, जो 30 साल तक चलनी है. इसके तहत फरक्का बैराज से पानी बांटा जाता है. अगर पानी का बहाव 75,000 क्यूसेक से ज्यादा है, तो भारत 40,000 क्यूसेक रख सकता है.
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देशभर आक्रोश है. हर कोई पाकिस्तान के खिलाफ जल्द-से-जल्द बड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है. आतंकियों ने कश्मीर घूमने आए हिंदुओं से उनका धर्म पूछकर और उनसे कलमा पढ़ने का कह कर उनको गोलियों से भून डाला गया. हिंदुओं को टारगेट […]
राफेल डील का मुद्दा लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले गरमाया हुआ था. तब कांग्रेस जोर-शोर से इस मुद्दे को उठा रही थी और सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही थी.
बिना लॉ डिग्री के कैसे बन गए CJI? आज के दौर में यह कल्पना करना मुश्किल है कि बिना लॉ डिग्री के कोई सुप्रीम कोर्ट का जज, वो भी CJI बने. लेकिन उस समय का भारत अलग था. स्वतंत्रता के बाद देश में कानूनी ढांचा अभी पूरी तरह स्थापित नहीं हुआ था. ICS अधिकारियों को उनकी प्रशासनिक क्षमता और बौद्धिकता के आधार पर न्यायिक भूमिकाएं दी जाती थीं.
Nishikant Dubey: निशिकांत दुबे के ऊपर अदालत की अवमानना का आरोप लगा है. उनके खिलाफ SC में अमवाना की याचिका दायर की गई है. बीजेपी सांसद ने भारत के 10वें सीजेआई का जिक्र करते हुए पोस्ट लिखा है.
निशिकांत दुबे से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें राष्ट्रपति और राज्यपालों को विधेयकों पर फैसला लेने की समयसीमा तय की गई थी. उन्होंने अनुच्छेद 142 को 'लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ परमाणु मिसाइल" करार दिया था.
इंदिरा गांधी का दौर सियासी उथल-पुथल से भरा था. 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके लोकसभा चुनाव को गलत ठहराया था. इस फैसले से नाराज इंदिरा ने आपातकाल लागू कर दिया. उस समय उनके फैसलों से सुप्रीम कोर्ट पर भी दबाव पड़ा था. कुछ लोग कहते हैं कि इंदिरा ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा था, “अगर जज ही सब तय करेंगे, तो जनता का वोट क्यों?”
Parliament Monsoon Session: आज भी संसद में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला. एमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के मुर्शिदाबाद और मालदा जिले को लेकर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई.
BJP Leader Nishikant Dubey: निशिकांत दुबे ने अपने बयान में आगे कहा कि अगर भारत में अल्पसंख्यकों के लिए अलग से संस्थाएं है तो हिन्दुओं के लिए नमो भवन क्यों नहीं बन सकता?