दूसरों की नैया पार कराने वाले PK की फंसी नाव,12 लाख भीड़ जुटाने का किया था दावा, दो लाख भी नहीं पहुंचे

प्रशांत किशोर की बदलाव रैली में खाली रही कुर्सियां
Bihar Politics: दूसरों की राजनीतिक नैया पार लगवाने के लिए जाने जाने वाले प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में अपनी नाव को किनारे तक पहुंचाने में लगे हुए हैं. राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में पहचान बनाने वाले पीके ने एक-दो या तीन नहीं बल्कि कई राज्यों के चुनावों में सफलता हासिल की है. मगर अब प्रशांत अपनी ही राजनीतिक पारी में फेल होते दिख रहे हैं. बिहार के लोगों के बीच दो साल तक पदयात्रा करने वाले प्रशांत से लोगों का मोह भंग होता दिख रहा है.
जन सुराज पार्टी के साथ बिहार चुनाव में उतरे प्रशांत किशोर का आगाज काफी सुर्ख़ियों में रहा है. मगर जैसे-जैसे अंजाम का वक़्त सामने आ रहा है वैसे ही धीरे-धीरे उनके प्रति बिहार के लोगों का मोह भंग हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार में उनकी रैली फ्लॉप साबित हुई है. शुक्रवार, 12 अप्रैल को प्रशांत किशोर का पटना के गांधी मैदान में रैली थी. जिसे लेकर पीके के दावा किया था कि पार्टी जनसुराज की ओर से बिहार बदलाव रैली का आयोजन किया गया, लेकिन रैली एक तरह से फ्लॉप साबित हो गई.
जन सुराज की रैली को लेकर प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि लोगों के हुजूम से वो गांधी मैदान को भर देंगे. मगर जब रैली हुई तोह गांधी मैदान का 30% हिस्सा भी नहीं भर पाया. हालांकि उन्होंने इसका ठीकरा राज्य सरकार और प्रशासन पर मढ़ दिया है. मगर कहीं न कहीं प्रशांत किशोर की राजनीतिक नैया बीच मझदार में डोलती दिख रही है.
‘रैली पूरी तरह फ्लॉप हो गई’- बीजेपी
बीजेपी ने प्रशांत की रैली को फेल बताया है. बिहार बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा है कि प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव रैली बदहाल रैली साबित हुई है. जनता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामों को देखा है जो जंगल राज से बिहार उबरा था. अब जनता किसी के झांसे में नहीं आने वाली है. उनकी रैली पूरी तरह फ्लॉप हो गई.
‘राजनीति कोई कॉर्पोरेट धंधा नहीं’- पप्पू यादव
इधर, प्रशांत किशोर की रैली में भीड़ नहीं जुटने के पर पप्पू यादव ने भी तंज कसा है. पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने पीके की रैली को लेकर एक्स पर पोस्ट करके लिखा- ‘राजनीति कोई कॉर्पोरेट धंधा नहीं, जानता को सिर्फ पैसे के सहारे भ्रम में डाल कर राजनीति नहीं हो सकती है. पटना के गांधी मैदान में पुनः यह सिद्ध कर दिया कि जो जनता के लिए लड़ेगा, उनके बीच रहेगा, वही उनके दिलों पर राज करेगा.’
पदयात्रा करेंगे प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने रैली के बाद घोषणा की है कि इस रैली में लाखों लोग आने वाले थे लेकिन प्रशासन के उदासीन रवैये और जाम के कारण नहीं आ पाए तो अब हम उनके पास जाएंगे. अब हम बिहार बदलाव यात्रा करने वाले हैं जो 10 दिनों के अंदर शुरुआत करेंगे और यह यात्रा 120 दिनों की होगी. इसमें सभी विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रखंडों में हम जाएंगे और जनता को बिहार के बदलने की बात करेंगे.
प्रशांत की ये रैली फेल होने के बाद अब पीके 120 दिनों तक पदयात्रा करेंगे. अब देखना ये होगा कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर की ये पदयात्रा प्रदेश की राजनीति में कितना बदलाव कर पाएगी? पीके की इस पदयात्रा को लेकर राजनीति विशेषज्ञों का कहना है कि जो स्थितियां कल देखी गई है उससे यही लग रहा है कि प्रशांत किशोर को खुद में बदलाव करने की जरूरत है. प्रशांत किशोर तीन परीक्षा में फेल हो चुके हैं. पहली परीक्षा उनकी उपचुनाव थी, दूसरी परीक्षा पटना यूनिवर्सिटी चुनाव और तीसरी परीक्षा कल गांधी मैदान में थी. पीके तीनों परीक्षाओं में फेल हो गए हैं.
यह भी पढ़ें: NIA की कस्टडी में कैसी है Tahawwur Rana की सुरक्षा, ये एजेंसियां रख रहीं आतंकी के सेल की निगरानी
बता दें कि प्रशांत किशोर राजनीति पारी की शुरुआत में बड़े-बड़े दावे किए. उन्होंने 40 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारने की बात कही है. 75 महिला को टिकट देने की बात कही लेकिन जाति कौन होगा किस क्षेत्र में किस जाति से चुनाव लड़ा जाएगा इस पर उन्होंने बात नहीं की.
बिहार के लोग जाति में गोल बंद हैं, जाति के आधार पर ही वोटिंग होती है ऐसे में प्रशांत किशोर का राजनीतिक फंडा कहीं ना कहीं फ्लॉप होता साबित हो रहा है. वे राजनीति रणनीतिकार रहे हैं लेकिन खुद राजनीति करना और रणनीतिकार बनना दोनों में अंतर होता है.