लोकसभा से पहले नए चुनाव आयुक्त पर मंथन, PM Modi की अगुवाई में आज पहली बैठक, जानिए कैसे होती है ECI की नियुक्ति

अधिनियम के तहत,पीएम मोदी नामित एक केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता या लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता चयन समिति बनाते हैं जो राष्ट्रपति को एक उम्मीदवार की सिफारिश करती है.
PM Modi Jammu Visit

पीएम मोदी

PM Modi: नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए पहली बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं. दरअसल, नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई है. अनूप चंद्र पांडे का कार्यकाल 15 फरवरी को उनकी सेवानिवृत्ति के साथ समाप्त हो रहा है. पीएम मोदी की यह बैठक नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि अधिनियम, 2023 के तहत आयोजित की जाएगी.

प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की चयन समिति चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के प्रतिस्थापन पर चर्चा के लिए बैठक कर सकती है.

शाम 7 :30 बजे पीएम के आवासीय कार्यालय में बैठक संभव

मामले से वाकिफ सरकारी अधिकारियों ने एक मीडिया चैनल को बताया कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लोकसभा में कांग्रेस के फ्लोर लीडर अधीर रंजन चौधरी के शाम 7.30 बजे पीएम के आवासीय कार्यालय में होने वाली बैठक में शामिल होने की उम्मीद है. यह मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 के तहत पहली नियुक्ति होगी. अब तक सीईसी, ईसी और भारत के चुनाव आयोग के सभी सदस्यों की नियुक्ति सरकार की सलाह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा की गई है.

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कैसे होती है चुनाव आयुक्त की नियुक्ति?

अधिनियम के तहत,पीएम मोदी नामित एक केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता या लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता चयन समिति बनाते हैं जो राष्ट्रपति को एक उम्मीदवार की सिफारिश करती है. चयन प्रक्रिया में दो समितियां शामिल हैं – प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय चयन समिति और कानून मंत्री और दो सचिव स्तर के अधिकारियों की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति चयन समिति को पांच नामों की सिफारिश करती है, बाद वाले को सूची के बाहर से भी आयुक्तों को चुनने का अधिकार है.

लोकसभा चुनाव से पहले चल रही है नियुक्ति प्रक्रिया

12 दिसंबर को राज्यसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) के पारित होने के दौरान, विपक्ष ने ध्वनि मत से पहले वॉक आउट किया और आरोप लगाया कि इसके प्रावधान “अलोकतांत्रिक” थे. हालांकि, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा कि विधेयक पूरी तरह से शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुरूप है. इस विधेयक को 2 जनवरी, 2024 को एक अधिनियम बनाया गया. नियुक्ति प्रक्रिया ऐसे समय में चल रही है जब ईसीआई 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों में व्यस्त है.

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