राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा धार्मिक नहीं, बल्कि डांस पार्टी”, राहुल गांधी के बयान पर बवाल, संतों और बीजेपी ने किया कड़ा विरोध

शहजाद पूनावाल ने कहा, "हिंदू हिंसक और देवता अब भगवान नहीं रहे, राहुल गांधी ने कहा राम मंदिर की पवित्र प्राण प्रतिष्ठा एक "नाच-गाना कार्यक्रम" है! क्या किसी अन्य धर्म और उनके पवित्र अवसरों के बारे में ऐसा कहा जा सकता है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी

Rahul Gandhi On Ram Mandir: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर से अपने बयान को लेकर सुर्खियां बटोरी हैं. हरियाणा में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने इस साल जनवरी में अयोध्या में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को ‘नाच-गाना’ बताया. कांग्रेस नेता के इस बयान के बाद बीजेपी और संतों ने राहुल गांधी को घेरा है. राहुल गांधी ने कहा, “राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जहां नाच-गाना हो रहा था, वहां अमिताभ बच्चन को बुला लिया गया, और उद्योगपति अंबानी-अडानी को आमंत्रित किया गया. वहां क्या आपने किसी बढ़ई, किसान या मजदूर को देखा? नाच-गाना चल रहा है, प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे हैं.”

संतों की प्रतिक्रिया

इस बयान पर राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कांग्रेस सरकार शुरू से ही राम के अस्तित्व को नकार रही है, इसलिए उनके नेता ऐसे बयान देते रहते हैं. ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी’. राहुल जी की नजर में प्राण प्रतिष्ठा नौटंकी है, लेकिन भक्‍तों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है.”

इस बीच, विश्व हिंदू प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मीडिया इंचार्ज शरद शर्मा ने राहुल गांधी की मानसिकता को विक्षिप्त करार दिया और कहा कि उनकी पार्टी राम के अस्तित्व को ही नकारती है. उन्होंने कहा, “यह दुखद है कि वह ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. उन्हें आगरा में इलाज कराना चाहिए और समाज को ऐसे लोगों को दंड देने का कार्य करना चाहिए.”

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बीजेपी का पलटवार

भाजपा नेता अपर्णा यादव ने भी राहुल पर हमला बोला. उन्होंने कहा, “उन्होंने वह कार्यक्रम देखा ही नहीं. पीएम नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद सभी पर फूल बरसाए और हर एक व्यक्ति से मिले. राहुल जी को माफी मांगनी चाहिए और प्रधानमंत्री या रामलला पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.”

मोहन यादव ने भी साधा निशाना

वहीं राहुल गांधी के राम मंदिर पर दिए गए बयान पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि जहां करोड़ों लोगों की आस्था लगी हुई है. 550 साल बाद गर्भ गृह में प्रवेश हुआ. कांग्रेस के कुत्सित प्रयास के कारण कई वर्षों तक प्रवेश नही हो पाया. कांग्रेस हमेशा उनके साथ खड़ी रही जिन्होंने गोलियां चलाई. जो लोग राम मंदिर में दर्शन करने तक नहीं गए , वो आज किस मुंह से यह कह रहे हैं. उन्हें शर्म आनी चाहिए. मैं उनके बयान की कड़ी निंदा करता हूं.

शहजाद पूनावाल ने कहा, “हिंदू हिंसक और देवता अब भगवान नहीं रहे, राहुल गांधी ने कहा राम मंदिर की पवित्र प्राण प्रतिष्ठा एक “नाच-गाना कार्यक्रम” है! क्या किसी अन्य धर्म और उनके पवित्र अवसरों के बारे में ऐसा कहा जा सकता है? राहुल का परिवार राम जी के अस्तित्व, राम मंदिर का विरोध करता रहा है, उनकी सरकार ने “हिंदू आतंक” की बात की, और उन्होंने द्वारका पूजा को “नाटक” करार दिया.”

पूनावाला ने कहा, “अब यह नया बयान. सनातन समाप्त करने से लेकर सनातन बीमारी और हिंदू धर्म को धोखा देने तक – INDI गठबंधन मानता है कि हिंदू आस्था पर चोट करनी है ताकि वोट बैंक का वोट मिल सके! राहुल गांधी का यह बयान न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय राजनीति में धार्मिक भावनाएं और प्रतीक कितनी महत्वपूर्ण हैं.

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