रामलला के ललाट पर सूर्य ने किया तिलक, ऐसे गर्भगृह तक पहुंचीं किरणें, आस्था और विज्ञान का अद्भुत संगम

सूर्य की किरणों ने राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के माथे पर 'सूर्य तिलक' किया
Surya Tilak: रामनवमी के पावन अवसर पर अयोध्या के भव्य राम मंदिर में एक अनोखा और अलौकिक नजारा देखने को मिला. दोपहर ठीक 12 बजे अपनी पूरी शक्ति के साथ चमक रहे सूर्य की किरणों ने राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के माथे पर ‘सूर्य तिलक’ किया. यह दृश्य न सिर्फ आस्था का प्रतीक बना, बल्कि भारतीय विज्ञान की शानदार उपलब्धि को भी दुनिया के सामने लाया.
कैसे हुआ सूर्य तिलक?
यह चमत्कार कोई जादू नहीं, बल्कि विज्ञान और तकनीक का कमाल है. राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति तक सूर्य की किरणों को पहुंचाने के लिए खास उपकरणों का इस्तेमाल किया गया. इसमें दर्पण, लेंस और पीतल की पाइप का एक सटीक सिस्टम तैयार किया गया, जो सूर्य की रोशनी को 92 मीटर की दूरी से मूर्ति के ललाट तक ले जाता है. यह सारा सिस्टम इतना सटीक है कि किरणें ठीक 75 मिलीमीटर के गोल आकार में रामलला के माथे पर पड़ती हैं और करीब 3 से 5 मिनट तक चमकती रहती हैं.
भारत के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है सिस्टम
इस शानदार तकनीक को भारत के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) बेंगलुरु की टीमों ने दिन-रात मेहनत करके इस सिस्टम को डिज़ाइन किया. यह सुनिश्चित किया गया कि हर साल रामनवमी के दिन अभिजीत मुहूर्त में सूर्य की किरणें रामलला का तिलक करें.
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आस्था और विज्ञान का संगम
हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान राम सूर्यवंश में पैदा हुए थे. इसीलिए सूर्य तिलक को उनकी महिमा और आध्यात्मिक शक्ति से जोड़ा जा रहा है. आज का यह आयोजन आस्था और विज्ञान के मिलन का एक शानदार उदाहरण बन गया. मंदिर में मौजूद लाखों श्रद्धालुओं ने जब यह नजारा देखा, तो ‘जय श्री राम’ के नारे पूरे अयोध्या में गूंज उठे.
दुनिया ने देखा लाइव सूर्य तिलक
इस खास पल को देखने के लिए न सिर्फ अयोध्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी, बल्कि टीवी चैनल्स और कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर इसे लाइव दिखाया गया. देश-विदेश से लोग इस चमत्कार के गवाह बने. मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, हर साल रामनवमी पर यह परंपरा जारी रहेगी, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा बनेगी.
भक्तों में उत्साह
सूर्य तिलक के बाद मंदिर में भक्ति का माहौल और गहरा हो गया. श्रद्धालुओं का कहना था कि यह नजारा उनके जीवन का सबसे यादगार पल बन गया. एक भक्त ने कहा, “ऐसा लगा जैसे सूर्य भगवान खुद रामलला को आशीर्वाद देने आए हों.”