“प्रियंका के गाल, आतिशी ने बदला बाप…”, ऐसे बयान देने में तो मास्टर हैं BJP नेता रमेश बिधूड़ी! विवादों से है पुराना नाता

Ramesh Bidhuri Controversy: कालकाजी विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी एक के बाद एक विवादित बयान से चर्चा में हैं. पहले प्रियंका गांधी और फिर आतिशी के उपनाम पर उन्होंने ऐसा बयान दिया है कि दिल्ली की राजनीति में सनसनी मच गई है. हालांकि, प्रियंका गांधी को लेकर दिए बयान पर उन्होंने खेद जताया […]
Ramesh Bidhuri

बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी

Ramesh Bidhuri Controversy: कालकाजी विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी एक के बाद एक विवादित बयान से चर्चा में हैं. पहले प्रियंका गांधी और फिर आतिशी के उपनाम पर उन्होंने ऐसा बयान दिया है कि दिल्ली की राजनीति में सनसनी मच गई है. हालांकि, प्रियंका गांधी को लेकर दिए बयान पर उन्होंने खेद जताया है, लेकिन आतिशी वाले बयान पर अभी तक चुप्पी साध रखी है. ऐसा पहली बार नहीं है जब बिधूड़ी साहब विवादों में घिरे हैं. पहले भी कई बार उन्होंने अपने सियासी बयानबाजी से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है.

सीएम आतिशी को बिधूड़ी ने क्या कहा?

बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के उपनाम पर एक विवादित बयान दिया है. रोहिणी में भाजपा की ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए, बिधूड़ी ने कहा कि आतिशी ने अपना उपनाम ‘मार्लेना’ से बदलकर ‘सिंह’ कर लिया है. बिधूड़ी ने यह भी आरोप लगाया कि आतिशी ने पिता बदल लिया है.

इस बयान पर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली की महिलाएं इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगी. आप ने कहा कि दिल्ली की जनता उन्हें सबक सिखाएगी.

बिधूड़ी का विवादों से पुराना रिश्ता

दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी के पूर्व सांसद और कालकाजी विधानसभा सीट से उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी का राजनीतिक जीवन कई बार विवादों से घिर चुका है. अब एक बार फिर से बीजेपी नेता सुर्खियों में हैं. दरअसल , भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे थे. इसी दौरान बिधूड़ी ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी को लेकर विवादित बयान दिया. रमेश बिधूड़ी ने कालकाजी के लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि जिस तरह संगम विहार और ओखला की सड़कें बना दीं वैसे ही यहां की सड़कें प्रियंका गांधी के गाल की तरह बना देंगे.

हाल ही में उन्होंने लोकसभा में एक मुस्लिम सांसद को लेकर विवादित टिप्पणी की, जो तुरंत ही राजनीतिक गलियारों में बवंडर बन गई. यह पहला मामला नहीं है जब बिधूड़ी किसी बयान के कारण विवादों में आए हों. आइए, हाल ही में उन्होंने लोकसभा में एक मुस्लिम सांसद को लेकर विवादित टिप्पणी की, जो तुरंत ही राजनीतिक गलियारों में बवंडर बन गई. यह पहला मामला नहीं है जब बिधूड़ी किसी बयान के कारण विवादों में आए हों. आइए, उनसे जुड़े विवादों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

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लोकसभा में विवादित बयान (2023)

रमेश बिधूड़ी ने हाल ही में लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली को लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया, जो संसद की कार्यवाही में असंसदीय करार दिया गया. इस टिप्पणी के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अफसोस जताया और बीजेपी को अपने सांसद के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी. पार्टी ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया. इसके बाद, विपक्षी दलों ने बिधूड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. लोकसभा स्पीकर ने उन्हें चेतावनी दी कि भविष्य में अगर ऐसी टिप्पणी की गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

सोनिया गांधी के इतालवी मूल पर हमला (2017)

यह पहला बड़ा विवाद नहीं था. 2017 में बिधूड़ी ने कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के इतालवी मूल को लेकर एक विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा था कि इटली में संस्कार अलग होते हैं, जहां शादी के कुछ महीनों बाद पोता-पोती हो जाती है. हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान पर सफाई दी, लेकिन यह विवाद राजनीति में गर्माया.

महिला सांसदों पर अभद्र टिप्पणी (2015)

2015 में बिधूड़ी पर आरोप लगा था कि उन्होंने संसद में चार महिला सांसदों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. इस पर रंजीत रंजन, सुष्मिता देव, अर्पिता घोष और पीके श्रीमति टीचर ने स्पीकर से शिकायत की थी. हालांकि बिधूड़ी ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा था कि महिला सांसद अपनी स्थिति का गलत फायदा उठा रही थीं.

‘अच्छे दिन’ पर टिप्पणी (2017)

बिधूड़ी ने 2017 में कांग्रेस की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि हमसे अच्छे दिन का हिसाब नहीं लिया जा सकता जब तक सरकार का कार्यकाल पूरा नहीं होता. इस बयान पर राजनीति में हंगामा मच गया और इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं. बिधूड़ी के इस बयान को विपक्ष ने भारतीय संस्कृति और राजनीति के प्रति असंवेदनशील माना.

कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की वापसी पर बयान (2016)

कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की वापसी पर बिधूड़ी ने कहा था कि कश्मीरी पंडितों को घाटी में जल्द से जल्द वापस लाया जाए. हालांकि, यह बयान कुछ लोगों को राजनीतिक एजेंडे के रूप में दिखाई दिया, जिससे यह एक और विवाद का कारण बना.

‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ पर टिप्पणी (2019)

रमेश बिधूड़ी ने 2019 में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के खिलाफ टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने इसे भारतीय संविधान के खिलाफ बताया. उनका कहना था कि यह बोर्ड भारतीय संविधान से ऊपर अपने नियमों को लागू करने की कोशिश करता है.

रमेश बिधूड़ी का राजनीतिक करियर विवादों से भरा हुआ है. उनके बयान अक्सर असंसदीय और विवादास्पद होते हैं, जिससे न केवल उनके पार्टी के लिए, बल्कि संसद की छवि पर भी सवाल उठते हैं. इन बयानों ने उन्हें एक ऐसा नेता बना दिया है जो राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. क्या बीजेपी इस बार बिधूड़ी के बयान को नजरअंदाज करेगी, या उनकी सदस्यता पर फिर से सवाल उठेंगे, यह देखने वाली बात होगी.

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