बजट 2024 से सैलरीड टैक्सपेयर्स को बड़ी उम्मीद, क्या इस बार राहत देने जा रही है मोदी सरकार?

एनडीए 1.0 ने अपने पहले बजट 2014 में मूल कर छूट सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया था. तब से, पिछले 10 वर्षों से छूट सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है, भले ही ईंधन की बढ़ती कीमतों, मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक स्थितियों के कारण घरेलू वस्तुओं की लागत में काफी वृद्धि हुई है.
Budget 2024

निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

Budget 2024: संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट 2024 पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. कर राहत हमेशा से ही टैक्सपेयर्स की मांग रही है और बजट 2024 भी इससे अलग नहीं है. सरकार की ओर से करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा देकर उपभोग बढ़ाने की कई रिपोर्ट्स आई हैं और इसलिए कर राहत की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं. विशेषज्ञों को भी उम्मीद है कि सरकार करदाताओं के लिए विशेष रूप से नई कर व्यवस्था के तहत कर राहत प्रदान करेगी.

नई कर व्यवस्था का समर्थन कर रही सरकार

बता दें कि सरकार हाल के बजटों में नई कर व्यवस्था का समर्थन कर रही है. इतना ही नहीं नई व्यवस्था अब सभी करदाताओं के लिए डिफ़ॉल्ट विकल्प है, जब तक कि वे स्वैच्छिक रूप से बदलाव न करें. इसका कारण यह है कि कर व्यवस्था का पालन करना करदाताओं के लिए आसान है और साथ ही कर अधिकारियों के लिए इसे लागू करना भी आसान है. ऐसे में उम्मीद है कि सरकार नई कर व्यवस्था को और बेहतर बनाएगी ताकि यह न केवल कर दाखिल करने वाले पोर्टल में बल्कि करदाताओं की कर योजनाओं में भी डिफ़ॉल्ट विकल्प बन जाए.” विशेषज्ञों का कहना है कि एक बड़ी कर राहत जिसे सरकार बजट 2024 में पेश कर सकती है, वह है नई कर व्यवस्था में छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना.

यह भी पढ़ें: 24 घंटे के लिए नूंह में मोबाइल इंटरनेट बैन, Braj Mandal Yatra से पहले हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला

मूल कर छूट सीमा बढ़ाने की उम्मीद

गौरतलब है कि एनडीए 1.0 ने अपने पहले बजट 2014 में मूल कर छूट सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया था. तब से, पिछले 10 वर्षों से छूट सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है, भले ही ईंधन की बढ़ती कीमतों, मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक स्थितियों के कारण घरेलू वस्तुओं की लागत में काफी वृद्धि हुई है. इन 10 वर्षों के दौरान, कॉर्पोरेट करदाताओं को कर दरों में 30% से 22% तक की कमी से लेकर कई तरह के कर लाभ प्रदान किए गए और कुछ मामलों में, कॉर्पोरेट कर की दरों को 15% तक घटा दिया गया. अब इसलिए भी यह उम्मीद की जा रही है कि एनडीए 3.0 में मूल छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाएगा, जिससे वेतनभोगी करदाताओं को काफी राहत मिलेगी.”

 

ज़रूर पढ़ें