संभल सांसद Zia Ur Rehman Barq पर बिजली चोरी का आरोप, पुलिस फोर्स के साथ टीम ने मारा छापा
संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर्रहमान बर्क (Zia Ur Rehman Barq) के खिलाफ बिजली चोरी का मामला तूल पकड़ रहा है. इस मामले में आज सुबह बिजली विभाग की टीम ने भारी पुलिस बल के साथ उनके घर पर छापा मारा. बिजली विभाग की टीम ने उनके घर पर लगे स्मार्ट मीटर की जांच की. आरोप यह है कि सांसद के घर में बिजली की खपत के आंकड़े संदिग्ध हैं, और ये बिजली चोरी की ओर इशारा करते हैं.
क्या है पूरा मामला?
संबल सांसद जिया उर्रहमान बर्क के घर पर दो मीटर लगे हुए थे—एक मीटर उनके अपने नाम पर और दूसरा उनके दिवंगत दादा शफीकुर्रहमान बर्क के नाम पर. इन मीटरों में बिलों के आंकड़े सही नहीं थे. एक मीटर में पिछले पांच महीनों में कोई बिजली खपत नहीं दिखाई दी, जबकि दूसरे मीटर में छह महीनों तक जीरो बिल रहा, हालांकि इस दौरान बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल होता रहा था.
बिजली विभाग ने तीन दिन पहले एक नया स्मार्ट मीटर लगाया था, और अब विभाग की टीम की जांच का मकसद यह था कि यह देखा जाए कि इस नए मीटर में कितनी यूनिट बिजली की खपत दर्ज की गई है. इसके साथ ही, बिजली विभाग यह भी जानने की कोशिश कर रहा है कि कौन से उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे हैं और उनकी खपत क्या है.
अधिकारियों ने क्या कहा?
पुलिस अधीक्षक कृष्ण बिश्नोई ने इस पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बिजली विभाग की जांच में यह संकेत मिल रहे हैं कि यहां बिजली चोरी की संभावना हो सकती है. अगर जांच में यह आरोप सही पाए गए तो, इसके बाद चोरी का मामला दर्ज किया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि यह एक गंभीर मुद्दा है, और यदि जांच में सांसद पर लगे आरोप सही साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सांसद के खिलाफ पहले से चल रहे हैं मामले
यह पहली बार नहीं है जब जिया उर्रहमान बर्क विवादों में फंसे हैं. उनके खिलाफ पहले ही हिंसा और अन्य गंभीर मामलों में दो एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. अब अगर इस बिजली चोरी के आरोपों की पुष्टि हो जाती है, तो उनके लिए यह एक और कानूनी चुनौती बन सकती है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सांसद के खिलाफ कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है, और उनके राजनीतिक करियर पर भी इसका असर पड़ सकता है.
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खूब हो रही है राजनीति
राजनीतिक हलकों में यह मामला गरमाया हुआ है, क्योंकि सांसद का इस तरह के आरोपों में फंसना उनके लिए राजनीतिक नुकसान का कारण बन सकता है. समाजवादी पार्टी (SP) के इस सांसद के खिलाफ सरकार और विपक्ष दोनों ही पार्टियां सक्रिय हो सकती हैं. वहीं, प्रशासन भी इस मामले में निष्पक्ष तरीके से जांच करने की कोशिश करेगा, ताकि जनता का विश्वास बना रहे.
यदि बिजली चोरी के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह सांसद की छवि को एक और बड़ा धक्का होगा. इसके अलावा, यह मामले समाजवादी पार्टी की भी छवि को प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि पार्टी के नेताओं पर इस तरह के आरोप पार्टी की प्रतिष्ठा पर सवाल उठा सकते हैं.
संभल के सांसद जिया उर्रहमान बर्क पर लगे बिजली चोरी के आरोपों ने एक नई बहस को जन्म दिया है, जो प्रशासन, राजनीति और जनता के बीच बहस का विषय बन सकता है. अब यह देखना होगा कि इस जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है और इस मामले के परिणाम सांसद के लिए कैसे साबित होते हैं. अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल उनके लिए बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन सकती है. यह मामला, जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में उथल-पुथल मचा सकता है.