संदेशखाली पीड़िता ने TMC नेताओं के खिलाफ वापस लिया केस, कहा- बीजेपी ने किया मजबूर
Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक, संदेशखाली की 3 पीड़िता महिलाओं में से एक ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ लगाए गए बलात्कार के आरोप वापस ले लिए हैं. एनडीटीवी ने एक महिला के हवाले से बताया, “बीजेपी ने मुझे कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने और बलात्कार की शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया.”
महिला का आरोप
महिला ने आरोप लगाया है, “उन्होंने पीएमएवाई के लिए मेरा नाम सूचीबद्ध करने के बहाने मेरे हस्ताक्षर मांगे. बाद में वे मुझे यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन ले गए. तृणमूल कार्यालय के अंदर मेरे साथ कोई यौन उत्पीड़न नहीं हुआ. मुझे कभी भी इसके लिए मजबूर नहीं किया गया.” रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने अब संदेशखाली पुलिस स्टेशन में एक नई शिकायत भी दर्ज कराई है. महिला का आरोप है कि झूठे आरोप वापस लेने के कारण अब धमकी दी जा रही है.
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एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर गंगाधर कोयल नाम का एक व्यक्ति जो कथित तौर पर भाजपा मंडल (बूथ) का अध्यक्ष है, को यह कहते हुए सुना जाता है कि संदेशखाली की महिलाएं, जिनका यौन उत्पीड़न नहीं हुआ था, उन्हें विपक्ष के नेता के आदेश पर ‘बलात्कार’ पीड़िता के रूप में पेश किया गया.
TMC ने सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ ईसी में की शिकायत
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने संदेशखाली मुद्दे पर सुवेंदु अधिकारी और अन्य के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि खुला झूठ भाजपा द्वारा गढ़ा गया है, जिसने कुछ लोगों को झूठ बोलने के लिए पैसे देकर साजिश रची. रविवार को ममता बनर्जी ने बीजेपी को चेतावनी भी दी कि वह बंगाल की माताओं का अपमान न करें, क्योंकि एक बार महिलाओं का आत्मसम्मान खो गया तो उसे दोबारा हासिल नहीं किया जा सकता.